कुमाऊं के टैक्सी चालकों की समस्याओं को लेकर परिवहन मंत्री दास से मिला कुमाऊं टैक्सी महासंघ का प्रतिनिधि मंडल
रानीखेतः कुमाऊं टैक्सी महासंघ के अध्यक्ष ठाकुर सिंह बिष्ट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री चंदन रामदास से मुलाकात कर उन्हें वाहन चालकों के सामने आ रही परेशानियों से अवगत कराया तथा इस बाबत एक ज्ञापन भी दिया।
प्रतिनिधि मंडल ने परिवहन मंत्री को बताया कि कुमाऊं में आर टी ए परमिट के वाहनों को 10 वर्ष पूर्ण होने पर किसी अन्य के नाम पर हस्तांतरित नहीं किया जा रहा जबकि गढ़वाल मंडल में यह व्यवस्था पूर्व से लागू है। कुमाऊं टैक्स महासंघ ने कुमाऊं परमिट में हर वर्ष की बैठक और आवेदन करने की बाध्यता को समाप्त करने और भारी वाहनों की भांति खुला परमिट लागू करने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वाहन अपनी आयु सीमा के 9 वर्ष पूर्ण होने के बाद अपने संभागों में ही चलने को मजबूर है जबकि वह वाहन अन्य वाहनों की तरह ही सरकार को पूरा टैक्स देता है अत: वाहन को अपनी आयु सीमा पूर्ण करने तक पूरे उत्तराखंड का परमिट मिले अन्यथा वाहनों का टैक्स कम किया जाए। उत्तराखंड की नई परिवहन नीति लागू होने के बाद उत्तराखंड से दो टैक्सी यूनियन पदाधिकारियों को (एक कुमाऊं और गढ़वाल से )सम्मिलित किया जाए। कोरोना काल में जिन वाहन मालिकों व चालकों ने अपनी जान हथेली पर रखकर सरकार की सेवाएं दी है उनका भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ है उनका अविलंब भुगतान किया जाए।उत्तराखंड में टैक्सी/कैब के लगेज कैरियर में विधानसभा से २००४में पारित आदेशानुसार छूट प्रदान की जाए ।वर्तमान में कई वाहन स्वामी अपने वाहनों का टैक्स समय से जमा नहीं कर पाए हैं वाहन स्वामियों को पेनल्टी में छूट देकर एक से सेटलमेंट करवाने की कृपा की जाए। विधानसभा चुनाव 2022 में लगे वाहनों का भुगतान वर्ष 2021 के एसटीए के नए निर्धारित दरों पर भुगतान करवाया जाए।
महासंघ अध्यक्ष की अगुवाई में मिले प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को बताया कि दोवर्ष पूर्व जिन वाहनों में जीपीएस लगाया गया था वह अधिकांश कंपनियां वर्तमान समय में गायब हो गई है जिस कारण दोबारा जीपीएस रिचार्ज करने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जबकि इन कंपनियों को संभागीय परिवहन अधिकारियों द्वारा ही निर्देश दिए गए थे प्रतिनिधिमंडल ने इन सभी समस्याओं का निवारण करने की मांग मंत्री से की ।