कलम की नोक पर

“हमारे शहर में ऐसे मनाजि़र रोज मिलते हैं कि सब होता है चेहरे पर मगर चेहरा नहीं होता”

मुनव्वर राना का‌ यह शेर ज़हन में अक्सर खदबदा उठता है हमारे शहर में ऐसे मनाजि़र रोज मिलते हैंकि सब...