सीएम ने की इगास पर्व पर अवकाश की घोषणा,जानें कब और क्यों मनाया जाता है इगास पर्व
देहरादून-ःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकपर्व इगास की छुट्टी की घोषणा की है।यह जानकारी ट्वीट कर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी है।दर असल छठ पूजा के सार्वजनिक अवकाश के बाद इगास की छुट्टी को लेकर मांग उठ रही थी । आइए जानें इगास पर्व कब और क्यों मनाया जाता है।
उत्तराखंड में बग्वाल दीपावली के ठीक 11 दिन बाद इगास मनाने की परंपरा है। गढ़वाल में इगास और कुमाऊं में बूढी़ दीपावली के नाम से यह पर्व मनाया जाता है।दरअसल ज्योति पर्व दीपावली का उत्सव इसी दिन पराकाष्ठा को पहुंचता है, इसलिए पर्वों की इस शृंखला को ईगास-बग्वाल नाम दिया गया। इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली।
इसीलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया। दूसरी मान्यता के अनुसार दीपावली के समय गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना ने दापाघाट, तिब्बत का युद्ध जीतकर विजय प्राप्त की थी। दीपावली के ठीक ग्यारहवें दिन गढ़वाल सेना अपने घर पहुंची थी। युद्ध जीतने और सैनिकों के घर पहुंचने की खुशी में उस समय दीपावली मनाई थी।