40वें नेत्रदान पखवाड़े के तहत जीएसएम राजकीय चिकित्सालय रानीखेत के नेत्र विशेषज्ञ डॉ दीप प्रकाश पार्की ने छात्र-छात्राओं को किया जागरूक

रानीखेत -40वें नेत्रदान पखवाड़े के क्रम में गोविंद सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत के नेत्र विशेषज्ञ डॉ दीप प्रकाश पार्की ने गुरुवार को पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय एवं आर्मी पब्लिक स्कूल में छात्र -छात्राओं को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया।
पी एम श्री केंद्रीय विद्यालय में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद हम अपने नेत्र दान कर जरूरतमंदों की जिंदगी में रोशनी ला सकते हैं।यह भी बताया कि मृत्यु के छह घंटे बाद तक हम नेत्रदान कर सकते हैं। उक्त अवधि के बाद नेत्रदान संभव नही होता है।एक साल से अधिक उम्र वाले सभी नेत्रदान कर सकते हैं।जिसकी पुतली खराब हो, एच आई वी ,कैंसर, हेपिटाइटिस-बी के रोगी नेत्रदान नहीं कर सकते।डॉ दीप प्रकाश पार्की ने बताया कि नेत्रदान के बाद पुतली प्रत्यारोपण द्वारा क्षतिग्रस्त पुतली को दानकर्ता की पुतली से पीड़ित रोगी में प्रत्यारोपण किया जाता है , जिससे पीड़ित रोगी के नेत्रों में रोशनी आ जाती है। डॉ पार्टी ने बताया कि नेत्रदान के बाद मृत व्यक्ति के चेहरे में कोई विकार नहीं आता है। नेत्रदान के बाद शक्ल खराब हो जाना एक भ्रान्ति है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी,एम्स ऋषिकेश,जाली ग्रांट मेडिकल कॉलेज देहरादून में नेत्र बैंक हैं।उक्त सभी जगह पुतली प्रत्यारोपण की सुविधा भी मौजूद है। नेत्रदान के इच्छुक नेत्र बैंक टाल फ्री नंबर 1800-11-4770 या हेल्पलाइन नंबर 104अथवा 1919पर संपर्क कर सकते हैं।
दृष्टिमितिज्ञ नीरज उपाध्याय द्वारा भी नेत्रदान हेतु छात्र -छात्राओं को जागरूक किया गया।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश धर दूबे,उप प्राचार्य हरिशंकर सैनी,आराधना राठौर, पारुल चंचल,प्रतीक्षा रावत , करिश्मा चंदेल,विनय कुमार,जीवन कुमार, तरुण पाठक ,नसीम बानो,ललित कुमार जोशी,ललित प्रसाद,अजय कुमार श्रीमाल, विपिन,सुश्री नेहा,सुश्री अलमास शेख, उर्मिला,सुनीता,सुश्री दीपा,पद्म सिंह रावत, नरेंद्र भैसोड़ा,ललित बिष्ट,दीपक लोनी मौजूद रहे।
आर्मी पब्लिक स्कूल में भी वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ दीप प्रकाश पार्की और दृष्टि मितिज्ञ नीरज उपाध्याय ने छात्र -छात्राओं को नेत्रदान के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति जो कॉर्नियल अंधापन से पीड़ित है, नेत्रदान से लाभान्वित हो सकता है। नेत्रदान के लिए किसी भी उम्र या व्यावसायिक पृष्ठभूमि की आवश्यकता नहीं है, और यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है।कहा कि यह एक निःशुल्क और स्वैच्छिक दान है जो समाज के हित में है।इस अवसर पर उन्होंने गुरूओं की महिमा का बखान करते हुए शिक्षक दिवस की अग्रिम बधाई दी और छात्र -छात्राओं को गुरुओं का आदर करने हेतु प्रेरित किया।इस अवसर पर प्रधानाचार्य कमलेश जोशी, ब्रजेश जोशी, ज्योति नेगी व छात्र -छात्राएं मौजूद रहे।





