भतरौजखान में अपार आस्था के पवित्र मंदिर में आयोजित कलश यात्रा में पहुंची सैकड़ों महिलाएं

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सी एम पपनै

भतरौजखान (उत्तराखंड)। उत्तराखंड पर्वतीय अंचल के राजमार्ग 12 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर बांज, बुरांश, देवदार और चीड़ के जंगलों की रमणीक प्राकृतिक आभा के मध्य बसा एक सुंदर छोटा सा कस्बा है भतरौजखान। अदभुत आभा के मध्य बसे भतरौजखान के इर्द गिर्द दर्जनों छोटे-बड़े गांव बसे हैं। इन्हीं गांवों में से एक गांव उगईया का रहने वाला एक युवा ओंघड बाबा का रूप धारण कर भतरौजखान के तिराहे पर निर्मित काली कमली की धर्मशाला में रहने लगा।

स्थानीय ग्रामीण जब भी भतरौजखान आते उक्त ओंघड बाबा के दर्शन होते। बाबा छोटा सा कंकर जिस किसी को भी मारता उसे आशीर्वचन भी देता था। स्थानीय लोग ओंघड बाबा के आशीर्वचन सुन प्रसन्न हो अपनी राह चल पड़ते।

उक्त ओंघड बाबा की मृत्यु के बाद उन्हें सिद्ध पुरुष मान उनकी अस्थियों को स्थानीय ग्रामीण जनों द्वारा भतरौजखान की ऊपरी पहाड़ी पर जीर्ण-शीर्ण स्थानीय भूमिया देवता मंदिर के पास ही विसर्जित कर दिया गया। उक्त ओंघड बाबा को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वर्ष 1970 के आसपास उक्त पहाड़ी पर एक छोटा सा मंदिर उक्त ओंघड बाबा के नाम ‘श्री हीरानंद महाराज मंदिर’ के नाम से स्थापित कर दिया गया। बाबा की समाधि बना पूजा की जाने लगी। उक्त पहाड़ी को स्थानीय जन महाराज जी के नाम से ही जानने भी लगे।

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एक दशक में ही उक्त ओंघड बाबा के निर्मित मंदिर के प्रति स्थानीय ग्रामीण जनों की आस्था के बढ़ते श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन उक्त मंदिर के इर्दगिर्द वर्ष 1980 से स्थानीय ग्रामीण लोगों द्वारा प्रतिवर्ष मेला लगाया जाने लगा। भतरौजखान की उक्त पहाड़ी को स्थानीय लोगों द्वारा पवित्र भूमि माना जाने लगा। बाद के दिनों में उक्त निर्मित मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र बनता चला गया। स्थानीय जनों द्वारा महाराज जी की समाधि के इर्दगिर्द राधा कृष्ण की मूर्ति, शिवलिंग व नंदी, शेरावाली मां, मां काली, शनि देव व हनुमान जी की विशाल मूर्ति की स्थापना कर दी गई।

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25 मई को स्थानीय लोगों द्वारा राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के क्रम में भतरौजखान की इस पवित्र पहाड़ी पर श्री हीरानंद महाराज मंदिर परिसर से स्थानीय ग्रामीण क्षेत्र की करीब चार सौ महिलाओं द्वारा उत्तराखंड की पारंपरिक मांगल वेशभूषा में कलश यात्रा में शामिल होकर व्याप्त आस्था के साथ रानीखेत रोड, रामनगर रोड, भिक्यासैंण रोड व बेतालघाट रोड की यात्रा कर नौ पुलिया से कलशो में जल भर कर मंदिर परिसर में स्थापित सभी मूर्तियों का जलाभिषेक पंडित नंदाबल्लभ पंत के सानिध्य में आयोजित पूजा अर्चना में भाग लेकर व कीर्तन इत्यादि में प्रतिभाग कर, प्रसाद ग्रहण किया गया। कलश यात्रा में स्थानीय विधायक प्रमोद नैनवाल भी स्थानीय प्रबुद्ध जनों के साथ शामिल हुए।

स्थानीय ग्रामीण जनों व मंदिर समिति एवं व्यापार संघ के संयुक्त प्रयास से श्रीराम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 26 मई को धूमधाम से मंदिर समिति अध्यक्ष पूरन चंद्र करगेती व व्यापार संघ अध्यक्ष व संरक्षक प्रदीप पंत, व्यापार संघ महासचिव और मंदिर समिति कोषाध्यक्ष डॉ. रघुवीर पंत, समिति उपाध्यक्ष हरीश भट्ट इत्यादि इत्यादि के सानिध्य में देविंद्र छिमवाल, वीरेंद्र पंत, महेंद्र पाल सिंह बिष्ट, हरीश खुल्बे, दीपक करगेती, भगवत वर्मा, जगदीश शर्मा, ललित करगेती इत्यादि इत्यादि के सहयोग से किया जा रहा है।

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भतरौजखान के इर्द गिर्द के गांवों च्यूंनी, नौघर, भतरौंज, रानीबाग, तौराड, विनकोट, रीठा, रीची, थापल, बग्डवार, मोहिनरी, सिरमोली, नूना, दनपौ, लौकोट, सूणी, घट्टी, रोड़ा इत्यादि इत्यादि के जिन ग्रामीणों की औघड़ बाबा के प्रति अपार आस्था रही है, जिनकी संख्या करीब आठ हजार आंकी जा रही है 26 मई को ‘श्री हीरानंद महाराज मंदिर’ परिसर में आयोजित राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा व आयोजित भंडारे में व्याप्त आस्था के साथ शामिल होंगे आयोजकों द्वारा उम्मीद की जा रही है।
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