भू-स्खलन के खतरे से जूझ रहे रानीखेत इंदिरा बस्ती के 42परिवारों को प्रशासन छावनी के बाहर विस्थापित करने की तैयारी में,22नाली भूमि चिह्नित
रानीखेत: यहां इंदिरा बस्ती स्थित आपदा की जद में आए 42परिवारों को अन्यत्र विस्थापित किए जाने को को लेकर प्रशासनिक पहल आरंभ हो चुकी है।आज राजस्व विभाग ने इंदिरा बस्ती के प्रभावितों के साथ बैठक कर जानकारी दी कि भूस्खलन से प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए प्रशासन ने छावनी क्षेत्र से बाहर 22 नाली भूमि चिह्नित की है।
बैठक में मौजूद राजस्व अधिकारियों और छावनी परिषद के नुमाइंदों ने इंदिरा बस्ती के प्रभावितों को जानकारी दी कि कि बस्ती के 42 परिवार बरसाती मौसम में लगातार भूमि स्खलित होने के कारण खतरे की जद में हैं ,भूमि के दरकने से जन-धन हानि का खतरे को देखते हुए प्रशासन ने छावनी क्षेत्र के बाहर 22नाली भूमि चिह्नित की है जहां प्रभावित परिवारों को बसाया जाना है। इंदिरा बस्ती के निवासियों ने बैठक में जन प्रतिनिधियों और राजस्व अधिकारियों को बताया कि वे 42वर्षों से इस बस्ती में रह रहे हैं और सभी महिलाएं और पुरुष दैनिक मजदूरी कर किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं ऐसे में उन्हें रानीखेत नगर के समीप ही राजस्व भूमि में विस्थापित किया जाए जिससे उनका जीवनयापन प्रभावित न हो सके।
बैठक में बताया गया कि रानीखेत छावनी परिषद अंतर्गत होने के कारण यहां गरीब व कमजोर तबकों के लिए आवास योजना का प्रावधान नहीं है इसलिए जिला व स्थानीय प्रशासन गरीब , कमज़ोर वर्ग के लिए भूमि आवास आवंटन की योजना पर विचार कर रहा है।बैठक में तय हुआ कि शीघ्र ही इंदिरा बस्ती के निवासी आपसी सहमति के बाद प्रशासन के साथ विस्थापन के लिए चिह्नित भूमि का मुआयना करेंगे तदोपरांत एक कमेटी बनाकर संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में छावनी परिषद नामित सदस्य मोहन नेगी,कानून गो हनीफ बेग, नायब प्रभारी व सदर पटवारी ख्याली राम, पूर्व छावनी सदस्य विनोद चंद्र, पत्रकार नंदकिशोर गर्ग,सुनील कुमार,दयाल राम,गणेश राम, प्रकाश राम,महेश,रिंकू, हेमंत कुमार,माया देवी, लक्ष्मी देवी,ऊषा देवी सहित बस्ती के अनेक परिवार मौजूद रहे।