छावनी परिषद द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने अपने कविता पाठ से श्रोताओं को किया भाव विभोर

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रानीखेत – छावनी परिषद द्वारा यहां छावनी इंटर कालेज में कवि सम्मेलन का‌ आयोजन‌ किया गया। कवि -कवयित्रियों ने अपनी ‌शानदार रचना प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत कवि भुवन बिष्ट ने सरस्वती वंदना नित -नित में तेरा ध्यान करूं से की। डॉ विनीता खाती ने हिंदी की व्यथा को शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया वहीं गीत के अंदाज में’जीवन ‌में‌ बेहिसाब इतना..’ कविता पेश की। सीमा भाकुनी ने अपनी कविता में हिंदी भाषा का महिमा वर्णन किया। वहीं कृष्ण कुमार सती ने अपनी कुमाउनी कविता ‘अहा ,ह्योनक दिन’ के माध्यम‌ से पहाड़ के ग्रामीण जीवन का बिम्ब तलाशा। राकेश दूबे ने विस्थापन पर कविता सुनाई, वहीं पति विरह को लेकर नारी के अंतर्मन की पीड़ा को बेहतरीन ढंग से शब्दों में पिरोकर‌ वाह -वाही लूटी। राजेन्द्र पन्त ने ‘चलो जिंदगी के पन्ने पलटते हैं’ कविता में मौजूदा वक्त की जीवनचर्या में अतीत के सुनहरे पृष्ठ पलटने का प्रयास किया।

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इमराना परवीन ने महात्मा गांधी के विराट व्यक्तित्व को कविता के माध्यम से चित्रित किया वहीं श्रृंगार की कवयित्री सारिका वर्मा ने प्रेम प्रतीक्षा पर सुरीले अंदाज में मुक्तक सुनाया। प्रोफेसर रिजवाना सिद्दीकी ने मां के वगैर जीवन की‌ सुनसानी को कविता के माध्यम से व्यक्त किया। विमल सती ने मां को लेकर’ बिछुडे़ तेरा दामन कई साल हुए मां’कविता मार्मिकता के साथ प्रस्तुत की।वहीं रिदा सिद्दीकी ने बेटियां कविता से प्रशंसा हासिल की। पूरन जोशी की कविता व्यवस्थाजन्य कुप्रबंधों पर‌ तंज लेकर पेश हुई।प्रीति पंत ने पश्चिमीकरण, आनंद अग्रवाल ने सामाजिक झगड़े, कैलाश ने‌ पहाड़ की पीड़ा ,संजय कुमार ने बेरोजगारी और माया बिष्ट ने कविता सुनाई। कवि सम्मेलन का संचालन प्रीति पंत ने किया।अंत में पीजी कॉलेज की पूर्व प्राचार्य प्रो जया पांडे ने उत्कृष्ट कविता पाठ के लिए सभी कवि कवयित्रियों को बधाई दी। इस अवसर पर केवि‌ के प्रधानाचार्य राकेश धर दूबे,सिटी मांटेसरी स्कूल के प्रधानाचार्य विनोद खुल्बे, हरीश लाल साह ,दीपक पंत ,गौरव भट्ट, जगदीश जोशी, गोपाल राम, टीका आर्य ,दीपक बिष्ट आदि भी मौजूद रहे।