रानीखेत क्षेत्र में जनप्रतिनिधि द्वारा माहौल अशांत करने, राज्य में ध्वस्त कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का उपवास,धरना

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रानीखेत : कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां विधानसभा चुनाव २०२२के बाद‌ से सरकार‌ के प्रतिनिधि और एक रसूखदार नेता पर क्षेत्र में आपसी सौहार्द बिगाड़ने, प्रशासन पर अनावश्यक दबाव डाल कर आए दिन लड़ाई मारपीट कराने और बेगुनाह लोगों पर‌ झूठे मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगाते हुए यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की अगुआई में संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय परिसर में सांकेतिक उपवास किया और धरना दिया।

सांकेतिक उपवास में ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌बैठे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अपने संबोधन में कहा कि‌ सत्तारुढ़ दल से जुड़े जनप्रतिनिधियों और रसूखदार लोगों द्वारा क्षेत्र का माहौल निरंतर खराब किया जा रहा है। लड़ाई झगड़ा, मारपीट उनकी स्वभावगत विशेषता रही‌ है, पूर्व में सल्ट के पूर्व विधायक रंजीत रावत व दिवंगत विधायक सुरेंद्र जीना के साथ वो ऐसा कर चुके हैं,कुछ माह पूर्व चुनाव के दौरान भी अपनी पार्टी के प्रकाश जोशी आदि के साथ उनके‌ व्यवहार को लोग देख चुके हैं।इतना ही आए दिन हो रही मारपीट झगड़ों में न केवल ये ही शामिल‌ हैं अपितु पीड़ित पक्ष के ऊपर एससीएसटी एक्ट लगवाकर समझौते का दबाव बनाते रहे हैं। पुलिस भी इन मामलों में इनका साथ दे‌ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अंकिता हत्याकांड,और दिल्ली के एडीएम ए वी प्रेमनाथ द्वारा अल्मोड़ा जनपद के अपने प्लेजेंट वैली में एक‌ नाबालिग लड़की का शोषण करने को गंभीर मामला बताया और राजस्व पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मामला दर्ज कराने के‌ लिए डीएम‌का धन्यवाद दिया। माहरा ने कहा कि राज्य में बीजेपी सरकार के रहते कानून व्यवस्था फेल है,तमाम घोटालों से साबित हो गया‌है‌ कि सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है।


इस दौरान राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन‌ भी भेजा गया जिसमें कहा गया है कि क्षेत्र के जन प्रतिनिधि और रसूखदार नेता ने निर्दोष लोगों को एस सी एस टी एक्ट में फंसाने के लिए एस सी वर्ग के दो व्यक्तियों को अपने साथ रखा है जिनकी ओर से किसी को भी फंसाने के लिए इस एक्ट का दुरूपयोग कर झूठे मुकदमे लिखाए जाते हैं और बाद में ‌पीड़ित व्यक्ति पर दबाव डालकर समझोते के लिए मजबूर किया जाता है। ताड़ीखेत के एक व्यवसायी के साथ ऐसा ही किया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि जनप्रतिनिधि के लोगों द्वारा आए दिन भतरौजखान में दुकानों से लूटपाट और मारपीट की जाती है और पीड़ित पक्ष द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए जाने पर भतरौजखान पुलिस द्वारा न प्राथमिकी लिखी जाती है और न ही मामले को गंभीरता से से लिया जाता है इसके बरक्स रसूखदार के दबाव में पीड़ित पक्षकार के विरूद्ध एकतरफा कार्रवाई कर ३०७ जैसी संगीन आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर लिया जाता है और पीड़ित की प्राथमिक रिपोर्ट को नजरंदाज कर दिया जाता है।

ज्ञापन‌ में भतरौजखान निवासी सतीश नैनवाल की मारपीट के सभी मामलों में संलिप्तता बताते हुए कहा गया‌ कि उसके साथ दिनेश पाल व प्रमोद कुमार का भी विधानसभा क्षेत्र में हो रही आपराधिक घटनाओं में ‌हाथ रहा है लेकिन पुलिस द्वारा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की‌‌ जा रही।
ज्ञापन में कहा गया है कि आए दिन उपरोक्त लोगों द्वारा की जा रही मारपीट की घटनाओं से न केवल क्षेत्र का शांत व सौहार्द पूर्ण वातावरण खराब हो रहा है अपितु इस कारण लोगों में आक्रोश व असंतोष भी पनप रहा है। अतैव सतीश नैनवाल के साथी दिनेश पाल व प्रमोद कुमार के नाम पते की जांच कर‌ उनके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि क्षेत्र का माहौल अशांत होने से बचाया जा सके।

सांकेतिक उपवास व धरना कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के साथ क्षेत्र प्रमुख हीरा सिंह रावत, ज्येष्ठ प्रमुख मोहन सिंह नेगी, पीसीसी सदस्य कैलाश पांडे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेश आर्य,नगर‌ अध्यक्ष उमेश भट्ट, ब्लाक अध्यक्ष गोपाल सिंह देव‌, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अतुल जोशी, बीबीसी सदस्य अमित पांडेय, कार्यकारी नगर अध्यक्ष पंकज जोशी, उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, चन्दन बिष्ट , त्रिभुवन शर्मा, भगवंत नेगी,दीपक पंत,यतीश रौतेला,जतिन‌ जयाल,पंकज गुर्रानी,देव सिंह बिष्ट, कमल तिवारी,अरुण रावत,हेमंत बिष्ट, सुरेन्द्र पवार, कुलदीप बिष्ट, सोनू सिद्दीकी, अंकिता पंत पडलिया, संदीप बंसल सहित ‌‌‌तमाम कार्यकर्ता मौजूद‌ रहे।