*अंधेरगर्दी की छावनी* देखो, कैण्ट सीईओ साहब, आपके कर्मचारी ने तो सरकारी आवास को ही दुकान में बदल दिया।

ख़बर शेयर करें -

रानीखेत: छावनी परिषद अपने अजब -गजब कारनामों के लिए चर्चा में रहता आया है और अगर अधिकारी शिथिल हो तो कर्मचारियों की बे-लगामी पर लगाम लगा पाना थोड़ा मुश्किल जरूर हो जाता है।नया कारनामा एक दुस्साहसी कर्मचारी ने कर दिखाया है जिसने सरकारी आवास में ही दुकान सजा डाली है। क्या सरकारी आवास का व्यवसायिक उपयोग हो सकता है? छावनी परिषद में इस सवाल पर ऊपर से नीचे तक ठंडी खामोशी पसरी है।

यह भी पढ़ें 👉  बीरशिवा स्कूल रानीखेत में छात्र-छात्राओं की विभिन्न विश्वविद्यालयों के करियर काउंसलर्स द्वारा करियर काउंसलिंग की गई

दरअसल, छावनी परिषद में अच्छा- खासा वेतन आहरित करने‌ वाले एक कर्मचारी ने सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के निकट सरकारी आवास का दुरूपयोग करते हुए उसके एक हिस्से को बुटीक एवं ब्यूटी सैलून में तब्दील कर दिया है। जबकि केंद्रीय सिविल सेवा (प्रचार) नियम, 1964 के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी न व्यवसाय कर सकता है न इस हेतु सरकारी साधन का दुरूपयोग। लेकिन रानीखेत छावनी परिषद में अदने से कर्मचारी से‌ लेकर शीर्ष अधिकारी तक सबके संज्ञान में मामला होने के बावजूद सब खामोशी अख्तियार किए हुए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  बीरशिवा स्कूल रानीखेत में छात्र-छात्राओं की विभिन्न विश्वविद्यालयों के करियर काउंसलर्स द्वारा करियर काउंसलिंग की गई

बता दें कि ये वही छावनी परिषद है जो किसी फड़ खोखा दुकान स्वामी के आधा फीट भी सामान बाहर‌ दिखने पर अपने ट्रक में लाद ले जाते हैं,अब जब छावनी परिषद कर्मचारियों द्वारा सरकारी आवासों को व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में तब्दील करने का श्री गणेश हो चुका है, क्या छावनी परिषद के जनता के बीच अलोप रहने वाले मुख्य अधिशासी अधिकारी अपने ही विभाग में कार्रवाई का चाबुक तलाशेंगे!

यह भी पढ़ें 👉  बीरशिवा स्कूल रानीखेत में छात्र-छात्राओं की विभिन्न विश्वविद्यालयों के करियर काउंसलर्स द्वारा करियर काउंसलिंग की गई
Ad Ad Ad Ad