भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को गहराई से समझने के लिए कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर में हुई संगोष्ठी

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रानीखेत – कुमाऊँ रेजीमेंटल सेंटर, रानीखेत में आज “Interwoven Roots: Shared Indo-Tibetan Heritage” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी (Seminar)आयोजित की गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम रहे। संगोष्ठी में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों तथा नेपाल से आए विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।

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संगोष्ठी का उद्देश्य भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को गहराई से समझना और साझा धरोहर को भविष्य की पीढ़ियों तक सुरक्षित पहुँचाना था। वक्ताओं ने भारतीय और तिब्बती कला, परंपरा, स्थापत्य तथा लोक संस्कृति पर अपने विचार रखे। साथ ही, इन संबंधों की सामरिक एवं सामाजिक महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया।

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Lt Gen DG Misra, AVSM, GOC, UB Area ने अपने समापन वक्तव्य में कहा कि यह संगोष्ठी साझा धरोहर को समझने और परस्पर सहयोग को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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