सशक्त भू- कानून के मुद्दे को राष्ट्रीय दल कर रहे हैं भटकाने का प्रयास- उपपा
रानीखेत-:उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों, जल जंगल ज़मीन पर पूंजीपतियों, माफियाओं व बाहरी लोगों के कब्जे के ख़िलाफ़ राजनीतिक संघर्ष छेड़ने की अपील की। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने यहां कहा कि राज्य में सशक्त भू कानून की मांग को लेकर जब जन भावनाओं सामने आ रही हैं तब राष्ट्रीय राजनीतिक दल व सरकार इस आसन्न विधानसभा इस मुद्दे को भटकाने के लिए गैर ज़रूरी मुद्दों को हवा दे रहे हैं।
रानीखेत पहुंचे उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि राज्य में विकास, विकास व विकास की बात करने वाली सरकारों, राजनीतिक दलों ने कैसा विकास किया वह हमारे सामने है जिससे उत्तराखंड राज्य की मांग करने वाले लोग हाशिए पर हैं और इस राज्य के कर्णधार आए दिन नए नए घोटाले कर रहे हैं।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की सैकड़ों प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में कंप्यूटराइजेशन के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आने के बावजूद प्रदेश सरकार और पक्ष विपक्ष के राजनीतिक दलों की चुप्पी बताती है कि इन घोटालों को उनकी मौन स्वीकृति प्राप्त है। उपपा अध्यक्ष ने प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में शामिल नेतृत्वकारी सदस्यों से कंप्यूटराइजेशन के नाम पर जनता के अंशदान की लूट और इस घोटाले को लेकर समितियों की बैठक बुला अपना पक्ष सार्वजनिक करने की अपील की और ज़िला सहकारी बैंक जिसमें इस कंप्यूटराइजेशन के नाम पर प्रति समिति 2.80 लाख रुपए लिए गए हैं उसमें निदेशक, अध्यक्षों भी सामने आकर अपना मत प्रकट करना चाहिए वरना जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। उपपा अध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कृषि कानूनों को किसान आंदोलन के दबाव में वापस लेने की घोषणा की उसी तरह उत्तराखंड सरकार को भी कृषि भूमि की उद्योगों के नाम पर असीमित खरीद के जन विरोधी, पहाड़ विरोधी फैसले को वापस लेना चाहिए। उपपा ने कहा कि जनता के मूल सवालों को दरकिनार कर सत्ता हथियाने के लिए चुनावों में बूथ बूथ को मचाने वाले से सावधान रहना चाहिए और जनता के साथ हमेशा संघर्ष करने वाले को नेतृत्व में लाने के लिए आगे बढ़ाना चाहिए वर्ना स्थितियां दिन प्रतिदिन गंभीर होंगी।
इस दौरान उनके साथ एड. जीवन चंद्र और उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे थी।