नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास का उदघाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कर कमलों द्वारा संपन्न

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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। चाणक्य पुरी स्थित तीन लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई मार्ग में उत्तराखंड राज्य सरकार के 120.52 करोड़ रुपयों की लागत से नव निर्मित उत्तराखंड निवास का उदघाटन 6 नवंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वास्तु पूजा, दीप प्रज्वलन तथा रिबन काट कर किया गया। उदघाटन के इस अवसर पर उत्तराखंड के सांसद, राज्य मंत्री, विधायक, विभिन्न मीडिया संस्थानों के पत्रकार तथा प्रदेश के अनेक गणमान्य प्रवासी जनों की उपस्थिति रही।

उपस्थित प्रमुख जनों में उत्तराखंड के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों में अजय भट्ट, श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, त्रिवेंद्र सिंह रावत, डॉ.कल्पना सैनी, महेन्द्र भट्ट, राज्य सरकार के मंत्रियों, दर्जा मंत्रियों तथा विधायकों में प्रेमचंद्र अग्रवाल, डॉ.धन रावत, सरिता आर्य, गणेश जोशी, किशोर उपाध्याय, प्रमोद नैनवाल, बिशन सिंह चुफाल इत्यादि तथा अन्य प्रमुख गणमान्य जनों में उद्योग जगत से जुड़े नरेन्द्र लड़वाल, आंचलिक फिल्म निर्माता संजय जोशी, संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्राप्त दिवान सिंह बजेली, सम्मानित साहित्यकार डॉ.हरि सुमन बिष्ट, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला केंद्र अध्यक्ष चंद्र मोहन पपनैं, पीसीआई कार्यकारिणी सदस्य सुनील नेगी, जौनसार बावर जनजाति कल्याण समिति अध्यक्ष (आईआरएस) रतन सिंह रावत, अध्यक्ष गढ़वाल हितैंषिणी महासभा अजय सिंह बिष्ट इत्यादि इत्यादि की उपस्थिति मुख्य रही।

नव निर्मित उत्तराखंड निवास में बने स्वागत मंच पर उत्तराखंड के उपस्थित सांसदों का राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत अभिनन्दन किया गया। सेवा निवृत न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में राज्य मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित सभी उपस्थित सांसदों, राज्य मंत्रियों, विधायकों तथा उपस्थित अन्य आमंत्रित गणमान्य जनों का स्वागत अभिनन्दन कर कहा गया, राज्य गठन के चौबीस साल हो गए हैं। रजत वर्ष का शुभारंभ हो चुका है।

निर्मित उत्तराखंड निवास पर एक लघु फिल्म के माध्यम से निर्मित भवन की खूबियों पर प्रकाश डाला गया। लघु फिल्म के माध्यम से अवगत कराया गया, निर्मित भवन में कुल पचास कमरे हैं। जिनमें दस डीलक्स, पच्चीस वीआईपी कमरे हैं। माननीय राज्यपाल और माननीय मुख्यमंत्री के विशेष कक्ष और ऑफिस हैं। राज्य के मंत्रियों तथा विभागों के आफिस हैं। अवगत कराया गया निवास के गलियारों को उत्तराखंड के विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प से संजोया गया है। अंचल की संस्कृति, लोक कला और वास्तु कला के दर्शन उक्त हस्तशिल्प के माध्यम से किया जा सकता है।

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आयोजन के इस अवसर पर आयोजन अध्यक्षता कर रही सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना देसाई द्वारा उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों का स्वागत अभिनन्दन कर कहा गया, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उन्हें यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई, जिस हेतु वे उनका आभार व्यक्त करती हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य के सभी उपस्थित सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, दर्जा मंत्रियों, भवन निर्माण करने वाले कर्मियों, पत्रकारों तथा उपस्थित सभी प्रबुद्ध गणमान्य जनों का हार्दिक अभिनन्दन कर आभार व्यक्त किया गया। पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, अंचल के अल्मोड़ा जिले में घटित मर्चुला बस हादसे से मन बहुत आहत और दुःखी है। आज का कार्यक्रम पहले से तय था, भव्यता से मनाया जाना था, दुखद दुर्घटना के कारण आयोजन सादगी से मनाया जा रहा है। सभी दिवंगतों को मुख्यमंत्री द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। घायलों के जल्द स्वास्थ लाभ की कामना की गई।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, लंबे समय से उत्तराखंड निवास का निर्माण कार्य पूर्ण होने की प्रतिक्षा थी, आज हम सब उत्तराखण्ड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रह हैं। उत्तराखण्ड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है। उत्तराखण्ड की अद्वितीय कला की छाप उत्तराखण्ड निवास संजोये हुए है। इसकी दीवार पारंपरिक रूप से अंचल की शैली में पत्थरों से निर्मित है जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करने का का कार्य करती है। यह अतिथि गृह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पंरपराओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के साथ ही उत्तराखण्ड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा। निर्मित भवन हमारी गरिमा का प्रतीक बनेगा। यह ब्रांड एंबेसडर की तरह काम करेगा।

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पुष्कर सिंह धामी ने कहा, उत्तराखंड के स्वादिष्ट पारंपरिक विरासत वाले भोजन का स्वाद आगंतुकों को करवाया जाए। श्रीअन्न उत्पाद और जैविक उत्पादों के काउंटर हों। उत्तराखंड की टोपी, पिछोड़ा, शाल, जैकिट इत्यादि की काउंटरों पर बिक्री की व्यवस्था हो। उक्त उत्पाद उच्च गुण वाले हों जो अंचल के सहायता समूहों द्वारा निर्मित करवाए जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, अंचल के उत्पाद इतने सुन्दर व टिकाऊ होते हैं जिन्हें बार-बार देखने का मन करता है, अंचल के निर्मित उत्पाद विश्व के अन्य देशों के उत्पादों से अच्छे और टिकाऊ हैं। अंचल की संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को यह नव निर्मित भवन पहचान दिलाने की हर संभव कोशिश करेगा। कहा गया, भवन निमार्ण कार्य अति कठिन था। निर्माण कर्मियों को उनके द्वारा किए गए अद्भुत कार्य हेतु शाबाशी देता हूं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, राज्य के समग्र विकास के लिए विगत वर्षो में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं। जिसके परिणाम स्वरुप नीति आयोग द्वारा इस वर्ष जारी सतत विकास के लक्ष्यों की रैंकिंग में हमारे राज्य को देश के राज्यों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स और स्टार्टप में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। जीएसडीपी में तैंतीस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। युवाओं को रोजगार देने में भी हमारा राज्य देश के राज्यों में अग्रणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाई गई है। अभी तक 18,500 लोगों को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति दी जा चुकी है। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी अब्बलता हासिल हुई है। अनुकूल राज्य होने के नाते देश के राज्यों में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यूसीसी पर कार्य करने वाला पहला राज्य बना है, जिसे लागू करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। नकल विरोधी कानून बनाया है। मेहनती बच्चे और उनके अभिभावक इस कानून के लागू होने से खुश हैं। विगत दिनों पीसीएस का जो परीक्षा परिणाम आया है उसमें अंचल के हर जनपद से पांच से दस तक परीक्षार्थी चुने गए हैं, जो खुशी प्रदान करता है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, वे सारी कामयाबी का श्रेय अंचल के जनमानस को और उनकी मेहनत और निष्ठा को देते हैं। उन्होंने कहा, राज्य में सरकार बदलने का मिथक टूटा है। जनता ने लगातार हमारी पार्टी को सेवा का अवसर प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया, अंचल की डेमोग्राफी में बदलाव आ रहा था, उस पर अंकुश लगाया जा रहा है। धर्मान्तरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है जो देवभूमि की पवित्रता और संस्कृति की रक्षा करेगा। पांच हजार से भी अधिक सरकारी जमीन जो गैरकानूनी रूप से कब्जे में थी उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। कहा गया, गंदगी फैलाने वालों पर सख्त कार्यवाही होगी। आगामी विधानसभा सत्र में सख्त भू-कानून लाया जा रहा है, जिसकी काफी लंबे समय से प्रतिक्षा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड के अंतिम छोर पर रहने वाले व्यक्ति को विकास की धारा से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, निर्मित भवन देश को अग्रणी राज्य बनाने के संकल्प को दोहराता है। अंचल की पारंपरिक लोक विरासत और लोक संस्कृति को बढ़ाने में सब मिलजुल कर योगदान दें।

आयोजन के इस अवसर पर भवन निर्माण कर्मियों को सम्मानित किया गया। राज्य सरकार द्वारा दिन के राज्य भोज में उत्तराखंड के जैविक उत्पादों से निर्मित स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए। पारंपरिक संपूर्ण आयोजन का प्रभावशाली मंच संचालन हेमंत बिष्ट द्वारा बखूबी किया गया।
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