रानीखेत में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन,चेतावनी, मांगे न मानी तो होगा कार्य बहिष्कार
रानीखेत :- अपनी 12 सूत्रीय मांगो की निरंतर हो रही उपेक्षा से क्षुब्ध आशा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मुख्य बाजार में जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी की। तत्पश्चात उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया।ज्ञापन में मांगों का अतिशीघ्र निस्तारण न होने पर कार्य बहिष्कार आरम्भ करने की चेतावनी दी गई।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की वाहक मानी जाने वाली आशा कार्यकर्ता अपनी निरंतर उपेक्षा से बेहद क्षुब्ध हैं और अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आक्रोश प्रदर्शन करने पर विवश हैं।
शुक्रवार को विजय चौक से मुख्य बाजार होते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय तक आशा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।उन्होंने अपनी लगातार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने, 21 हजार वेतन, सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति समेत 12 सूत्री मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बार-बार आश्वासन दिए जा रहे हैं लेकिन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है । आशा कार्यकर्ताओंं ने दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगे पूरी ना हुई तो कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। अखिल भारतीय किसान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद नेगी ने भी कार्यकर्ताओं को समर्थन दिया।
प्रदर्शन में स्याल्दे, भिकियासैंण, सल्ट,ताडी़खेत आदि से पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। इस दौरान ललिता मठपाल, धना कत्युरा, सरस्वती मेहरा, कमला जोशी, मीना आर्या, भावना बिष्ट, गीता, मंजू चौधरी, जया जोशी, लीला रावत, दीपा, हीरा नेगी, दीपा पपनै, हीरा नेगी, पुष्पा त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।