वन बीट अधिकारी संघ की बैठक में समस्याओं पर चर्चा,नव नियुक्त वन आरक्षियों को संगठन की शपथ दिलाई गई
रानीखेत : वन विश्राम भवन सौनी रानीखेत में वन बीट अधिकारी संघ शाखा अल्मोड़ा की औपचारिक बैठक में नव नियुक्त समस्त वन आरक्षियों का स्वागत किया गया। नव नियुक्त वन आरक्षियों को विधिवत संगठन की सदस्यता दिलाई गयी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय अध्यक्ष वन बीट अधिकारी संघ उत्तराखण्ड श्री हर्षवर्धन गड़िया द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रान्त स्तरीय कार्यकारिणी से अतुल भगत द्वारा अपने विचार रखे गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बलवन्त भण्डारी, जिलाध्यक्ष अल्मोड़ा वन बीट अधिकारी सङ्गठन व संचालन हरेंद्र सतवाल वृत्त उपाध्यक्ष उत्तरी कुमाऊं वृत्त द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सिविल सोयम वन प्रभाग व अल्मोड़ा वन प्रभाग की विभिन्न रेंजों से उपस्थित वन बीट अधिकारियों द्वारा फील्ड स्तर पर आ रही समस्याओं पर चर्चा की गयी तथा प्रभाग स्तरीय समस्याओं के उचित समाधान हेतु एक शिष्टमंडल तैयार कर प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा व प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम से भेंट वार्ता करने का निर्णय लिया गया है।
वन बीटअधिकारी संघ शाखा अल्मोड़ा की प्रमुख मांग निम्न प्रकार है।
- विभाग में वन दरोगा पद पर मृतक आश्रित नियुक्ति दी जा रही है जबकि मृतक आश्रित अनुकंपा पर नियुक्ति पाने का अधिकारी है। परंतु विभाग ने यह पद अनुकंपा न होकर अधिकार का पद बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट से भी समय समय पर निर्णय निर्गत हुए हैं की मृतक आश्रित पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिले। विभाग में पूर्व से ही योग्य वन बीट अधिकारियों को प्रोन्नति में इससे बाधा उतपन्न हो रही है। सङ्गठन यह मांग करता है की वन दरोगा पद पर मृतक आश्रित नियुक्ति पर जल्द रोक लगाई जाए। अन्यथा की स्थिति में सङ्गठन आंदोलन हेतु बाध्य होगा।
- क्षेत्रीय प्रभाग में कार्यरत कर्मचारियों को वन क्षेत्र में गस्त , अवैध शिकार, पातन, खनन इत्यादि अवैध कार्यो को रोकने के अतिरिक्त अन्य कार्य जैसे मानव वन्य जीव संघर्ष, लीसा कार्य इत्यादि हेतु आरक्षित क्षेत्र से कई दूर नाप व पंचायती वनों में भी स्थलीय निरीक्षण करना होता है, जिसके लिए सङ्गठन अतिरिक्त भत्ते की मांग करता है या वाहन भत्ते में पेट्रोल व डीज़ल की वर्तमान दरों के आधार पर बढ़ोत्तरी की मांग करता है।
- बीट अंतर्गत कार्य कर रहे श्रमिकों को समय पर पारिश्रमिक का भुगतान नहीं होने से बीट स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों की कार्यशैली प्रभावित हो रही है तथा श्रमिको के परिवार पर भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो रहा है। वन बीटअधिकारी सङ्गठन यह मांग करता है कि बीट अंतर्गत विभिन्न प्रयोजनों जैसे लीसा श्रमिक, बंगला चौकीदार, पौधशाला श्रमिक, फायर वॉचर इत्यादि श्रमिकों को लंबित पारिश्रमिक का जल्द भुगतान हो।
- वन बीटअधिकारी संघ शाखा अल्मोड़ा यह मांग करती है कि वन पंचायतों संबंधी कार्यो के संपादन हेतु शासन स्तर / उच्च स्तर से पृथक प्रभाग बनाया जाए अथवा अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती इन कार्यो हेतु की जाए। वन पंचायत संबंधी कार्यो के संपादन के दौरान क्षेत्रीय प्रभागों में तैनात कार्मिको को वन सुरक्षा व वन्य जीव सुरक्षा को छोड़कर इन क्षेत्रो में जाना पड़ता है जिससे क्षेत्रीय प्रभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली व वन व वन्य जीव सुरक्षा प्रभावित होती है। वन पंचायत संबंधी समस्त कार्य अक्षेत्रीय प्रभाग को सौंपा जाए।
वन आरक्षी/वन बीट अधिकारी संघ शाखा अल्मोड़ा की बैठक में प्रभागीय सङ्गठन महामंत्री श्री खजान सिंह मेहता, रोशन कुमार, त्रिभुवन उपाध्याय, किशोर चंद्र, महेश अमलीया, पूनम पंत, बबिता नेगी, कविता मेहता, तनुजा पाठक, हर्षिता पाण्डेय, दीपा बिष्ट, मंजू कबडौला, हिम्मत बोरा, गणेश चंद्र, गणेश पलड़िया, राजीव पांडेय, धीरज सजवान, घनानंद भट्ट, हेमंत नयाल, कुबेर आर्या, नवीन तिवारी, अर्जुन बोरा, संजय भण्डारी, आशीष आर्य, प्रकाश जोशी, प्रकाश कुमार, कमल नेगी, राजेन्द्र बगडवाल, गोपाल सिंह आदि वन बीट अधिकारियों ने विचार रखे।