कौन बनेगा सूबे का 11वां सूबेदार? शाम को होगा तय,दौड़ में कई नाम
सूबे का ११ वां सूबेदार कौन होगा?ये आज शनिवार सायं 4बजे तक स्पष्ट हो जाएगा।अपराह्न 3 बजे से भाजपा विधायक दल की बैठक रखी गई है जिसमें पर्यवेक्षक नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा आलाकमान से मोहर लगकर आए नाम को पढा़ जाएगा। इस बीच पर्यवेक्षक देहरादून पहुंच चुके हैं उनके साथ प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी आए हैं। इधर विधायकों का भी अपने क्षेत्रों से दून पहुंचना शुरू हो गया है।आसन्न चुनाव के दृष्टिगत विधायकों में से ही मुख्यमंत्री चुना जाएगा । इसमें अब तक सशक्त दावेदार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को माना जा रहा है ।वैसे चर्चाओं में पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत,उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक,पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल का नाम भी तैर रहा है।
मुख्यमंत्री तीरथ रावत गत रात्रि दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे से लौटने के बाद पौने दस बजे सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से मिले और अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं। सीएम पद से त्याग पत्र के सवाल पर वे कुछ नहीं बोले,लेकिन करीब सवा घंटे बाद उन्होंने राजभवन पहुंच राज्यपाल को त्याग पत्र देकर दिन भर चली सियासी हलचल का परिणाम सामने रख दिया।लेकिन शनिवार को बीजेपी विधान मंडल दल के नए नेता चुने जाने के ऐलान के बाद सियासी हलचल थमने के बजाए और तेज हो गई हैं। बीजेपी विधान मंडल दल का नया नेता कौन होगा ?इस पर गहराया रहस्य भले ही शाम होते-होते तक बेपर्दा हो जाएगा लेकिन सूत्र बता रहें हैं अगर सब कुछ ठीक- ठाक रहा तो महाराज बाजी मार सकते हैं , इस रेस में सतपाल महाराज व त्रिवेन्द्र रावत सबसे आगे बताए जा रहे हैं। हालांकि त्रिवेन्द्र रावत ने आज कहा कि वे न पहले दौड़ में थे न अब हैं।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा में शामिल होने के बाद महाराज ने संघ और हाईकमान के नेताओं पर विश्वास कायम किया है। यहां तक की लोकसभा व कई प्रदेशों में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें प्रचार अभियान की भी जिम्मेदारी सौंपी गई,संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी उनकी नजदीकी लाभ पहुंचा सकती है।उनके दिल्ली में डेरा डालने से भी कयास लग रहा है कि आलाकमान से उनकी कुछ बात हुई होगी ,हालांकि मुलाकातें सार्वजनिक नहीं हो पाईं हैं।महाराज के अतिरिक्त अन्य दावेदारों में पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत ,कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल के साथ अगर पार्टी युवा चेहरों पर चुनावी साल में दांव खेलती है तो राज्यमंत्री धनसिंह रावत और विधायक पुष्कर सिंह धामी को आगे ला सकती है इनमें धन सिंह रावत जहां सांगठनिक अनुभव रखने के साथ संघ के स्वंयसेवक रहे हैं वहीं पुष्कर खटीमा से दो बार के विधायक व युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं उन्हें भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माना जाता है।इन दोनों युवा नेताओं के नाम भी सूबे की सियासी फिजा़ में प्रमुख दावेदारों के रूप में तैर रहे हैं।