रानीखेत में उत्साह से हो रही है तिरंगे झंडे की खरीद, लेकिन फहराने का नियम भी जान लें, नहीं तो हो सकती कार्रवाई
रानीखेत– मंगलवार को पूरा देश आज़ादी का जश्न मनाएगा। रानीखेत में भी विद्यालयों से लेकर तमाम संस्थाओं में आज़ादी का उत्सव मनाने की पुरज़ोर तैयारियां चल रही हैं। बाजार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सहित तिरंगे आइटम्स से सजा पड़ा है जिनकी खरीदारी भी खूब हो रही है। पोस्ट आफिस हो गांधी आश्रम या फिर बाज़ार की छोटी-बड़ी दुकानें उत्साह में लबरेज लोग तिरंगा ध्वज खरीद रहे हैं ऐसे में तिरंगे को फहराने लेकर नियम जानना ज़रूरी हो जाता है।
भारतीय तिरंगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी शान है। इसकी सुरक्षा के लिए हमारे वीर जवान अपना प्राण तक न्योछावर कर देते हैं। लोग 26 जनवरी और 15 अगस्त को इसे अपने घर कार, साइकिल में भी लगाकर घूमते हैं। इसके पीछे लोगों की देशभक्ति की भावना छुपी हुई होती है। लेकिन तिरंगे झंडे के फहराने को लेकर भी कई नियम हैं। हर कोई कहीं भी इसे ऐसे ही बिना नियम कायदे के नहीं लगा सकता। यह भारतीय झंडा संहिता का उल्लंघन है। अगर आप भी ऐसी ही ध्वज को लेकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। हम आपको आज तिरंगे झंडे को लेकर कुछ नियम बताएंगे। हम यह भी बताएंगे कि गाड़ी में तिरंगा लगाने का नियम क्या है।
अब नियम भी जान लीजिए, कौन लगा सकता है झंडा
गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है और राष्ट्रीय ध्वज फहराने संबंधी भारतीय झंडा संहिता 2002 बनाई गई है। इसमें झंडारोहण को लेकर कई नियम बनाए गए हैं और बताया गया है कि किस तरह से राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस झंडा संहिता में कुछ लोगों को कार में झंडे फहराने के विशेष अधिकार दिए गए हैं। बता दें कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल और उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा और लोकसभा उपाध्यक्ष, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों पोस्टों के अध्यक्ष, विधानसभाओं के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश व हाईकोर्ट के न्यायाधीश गाड़ी पर तिरंगा लगा सकते हैं।
तिरंगे के अपमान पर क्या है सजा का प्रावधान
तिंरगे के अपमान पर देश के कानून में सजा का भी प्रावधान है। प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के सेक्शन 2 के तहत तिरंगे झंडे का अनादर करने पर 3 साल की जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है। एक बात और, जब कोई विदेशी मेहमान सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाईं ओर लगता है वहीं संबंधित देश का झंडा कार के बाईं ओर लगाना होता है।
यहां आपको बता दें कि साल 2004 से पहले तक सिर्फ सरकारी विभागों, कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में ही तिरंगा फहराने की इजाजत थी, लेकिन साल 2004 में भारत सरकार बनाम नवीन जिंदल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर हिंदुस्तानी को तिरंगा फहराने का मौलिक अधिकार है. यह अधिकार सभी नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दिया गया है. इसके बाद से सभी नागरिकों को तिरंगा फहराने का अधिकार मिल गया. हालांकि अब भी नागरिक अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाकर नहीं घूम सकते हैं।
अगर कोई आम नागरिक अपने वाहन पर तिरंगा फहराता है, तो वो गैर कानूनी है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. वाहन के अलावा रेलगाड़ी, नाव और वायुयान के ऊपर, बगल या पीछे तिरंगे को नहीं फहराया जाएगा. अगर कोई ऐसा करता है, तो यह गैर कानूनी होगा.