मूलरूप से मूनाकोट के थे रामसिंह,दी थी राष्ट्रगान को धुन,सुभाष ने छाती पर पहनाया था पदक
“सुभाष जी, सुभाष जी, वो जाने हिन्द आ गयेहै नाज जिस पै हिन्द को वो जाने हिन्द आ गये”जी हां,नेताजी...
“सुभाष जी, सुभाष जी, वो जाने हिन्द आ गयेहै नाज जिस पै हिन्द को वो जाने हिन्द आ गये”जी हां,नेताजी...
रानीखेतरचना जिनका कर्म रहा उत्तराखण्ड की धरती कला, साहित्य एवं रचनाधर्मियों के लिए बेहद उर्वरा रही है। हिमालय की गोद...
रानीखेत के नजदीक रामनगर रोड के किनारे बसे सौनी गांव केकृपाल दत्त उपाध्याय अपनी पीढ़ी के जाने माने शिकारियों में...
स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अथक योगदान देने वाले ऐसे कई सेनानी रहे है जिनकी स्वतंत्रता उपरांत देश में आती-जाती...