40वें‌ नेत्रदान पखवाड़े के तहत गोविंद सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत में गोष्ठी आयोजित, लोगों से‌ नेत्रदान की अपील

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रानीखेत -देश में 25अगस्त से 8सितंबर तक मनाए जा रहे 40वें नेत्रदान पखवाड़े के क्रम में गोविंद सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए नेत्र विशेषज्ञ डॉ अंकिता ने कहा कि मृत्यु के बाद नेत्र दान महादान है।कहा कि मृत्यु के बाद हम अपने नेत्र दान कर जरूरतमंदों की जिंदगी में रोशनी ला सकते हैं।यह भी बताया कि मृत्यु के छह घंटे बाद तक हम नेत्रदान कर सकते हैं। उक्त अवधि के बाद नेत्रदान संभव‌ नही‌ होता है।एक साल से अधिक उम्र वाले सभी नेत्रदान कर सकते हैं।जिसकी पुतली खराब हो, एच आई वी ,कैंसर, हेपिटाइटिस-बी के रोगी नेत्रदान नहीं कर सकते।

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डॉ दीप प्रकाश पार्की ने बताया कि नेत्रदान के बाद पुतली प्रत्यारोपण द्वारा क्षतिग्रस्त पुतली को दानकर्ता की पुतली से पीड़ित रोगी में प्रत्यारोपण किया जाता है , जिससे पीड़ित रोगी के नेत्रों में रोशनी आ जाती है। डॉ पार्टी ने बताया कि नेत्रदान के बाद मृत व्यक्ति के चेहरे में कोई विकार नहीं आता है। नेत्रदान के बाद‌ शक्ल खराब हो‌ जाना एक भ्रान्ति है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी,एम्स ऋषिकेश,जाली ग्रांट मेडिकल कॉलेज देहरादून में नेत्र बैंक हैं।उक्त सभी जगह पुतली प्रत्यारोपण की सुविधा भी‌ मौजूद‌ है। नेत्रदान के इच्छुक नेत्र बैंक टाल फ्री नंबर 1800-11-4770 या हेल्पलाइन नंबर 104अथवा 1919पर संपर्क कर सकते हैं।
ध्यातव्य है कि 40वें नेत्रदान पखवाड़े 25अगस्त से 8सितंबर के दौरान प्रतिदिन ओपीडी में डॉ दीप प्रकाश पार्की, डॉ अंकिता और दृष्टिमितिज्ञ नीरज उपाध्याय द्वारा नेत्रदान हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है।इस अवसर पर चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर के वर्मा द्वारा भी अधिकाधिक संख्या में नेत्रदान की अपील की गई।
गोष्ठी में डा डी एस नेगी, डॉ अनिल मचवाल, डॉ जीवन प्रसाद, डॉ तोषी, डॉ महेश पाल, डॉ विपिन चन्द्रा, डॉ दीपक शर्मा, डॉ अमरजीत सिंह, फार्मासिस्ट गिरधर बिष्ट, नर्सिंग आफिसर्स सहित समस्त स्टाफ नर्सें मौजूद रहे।

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