अमेरिकी राजदूत और शिक्षा अधिकारियों ने किया कामायनी जोशी की स्कूल कक्षा का अवलोकन,हुए बेहद प्रभावित, रानीखेत सौनी गांव की निवासी हैं कामायनी जोशी
अमेरिका सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गत दिवस दिल्ली सरकार के मोती बाग स्थित स्कूल का दौरा किया इस दौरान वे अंग्रेजी लेक्चरर श्रीमती कामायनी जोशी की कक्षा का अवलोकन कर बेहद प्रभावित हुए और उनके प्रयासों की सराहना की। कामायनी जोशी का रानीखेत के सौनी गांव में निवास है। गुरुवार के दिन अमेरिका के सहायक शिक्षा राज्य सचिव, अमेरिकी सरकार के शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और भारत में अमेरिकी राजदूत ने मोती बाग स्थित दिल्ली सरकार के स्कूल का दौरा किया और श्रीमती कामायनी जोशी की कक्षा का अवलोकन किया।चूंकि अमेरिकी सरकार ने सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा पर अमेरिका में एक महीने के लंबे पाठ्यक्रम के लिए कामायनी को प्रायोजित किया था, इसलिए वे यह देखना चाहते थे कि क्या इससे उनके शिक्षण कौशल पर कोई प्रभाव पड़ा है। अमेरिकी शिक्षा अधिकारी कामायनी के शिक्षण कौशल से बहुत प्रभावित नजर आए और उनके प्रयासों की सराहना की। ध्यातव्य है कि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में अंग्रेजी के लेक्चरर पद पर कार्यरत श्रीमती कामायनी जोशी अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी और पोर्टलैंड में एक एक्सचेंज प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं हैं। दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने अध्यापकों की क्षमता निर्माण के लिए रेलो इंडिया जोकि अंग्रेजी के प्रचार व प्रसार के लिए अमेरिकी सरकार का एक प्रयास है और TESOL (TEACHING ENGLISH TO TEACHERS OF OTHER LANGUAGES ) ने अध्यापकों को लगातार ऑफलाइन, ऑनलाइन और मिश्रित शिक्षा प्रणाली साथ-साथ मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज ( MOOCS ) कराने का अवसर प्रदान किया है। इसके तहत 6 माह के कोर्स में जिसमें ऑफलाइन प्रशिक्षण, ऑनलाइन असाइनमेंट, और क्लासरूम ऑब्जर्वेशन किया गया और इन सभी कोर्सेज में देश में अव्वल प्रदर्शन करने पर श्रीमती कामायनी जोशी को सांस्कृतिक विनिमयन कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया। इस कार्यक्रम में 25 देशों से शिक्षकों ने भाग लिया था। तब दो हफ्ते वॉशिंगटन में अमेरिका के विद्यालय ,सांस्कृतिक स्थलों, विश्वविद्यालयों आदि का भ्रमण एवं अन्य देशों से आए हुए शिक्षकों के साथ उनके देशों में हो रहे शिक्षा नवाचारों को सीखने का भी मौका मिला था। इस वर्ष मार्च में कामायनी को भी TESOL सम्मेलन में पैनल डिस्कशन में भारत की ओर से भागीदारी करने का अवसर मिला था। इससे पहले “वी लव टॉकिंग ” नाम से चल रहे श्रीमती कामायनी जोशी का ऑनलाइन क्रॉस कल्चरल एक्सचेंज कार्यक्रम अपने 12 एपिसोड पूरे कर चुका था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में अंग्रेजी बोलने में झिझक हटाने और आत्मविश्वास से अपनी बात रखने को बढ़ावा दिया जाना था। अब इसके आगे आने वाले एपिसोड में विश्व के देशों के साथ विद्यार्थियों को एक ग्लोबल आयाम देने का प्रोग्राम है। कोविड के दौरान कामायनी द्वारा “लिसनिंग एक्टिविटीज” विकसित की गई और विद्यार्थियों से साझा की गई जिसको खूब सराहा गया .श्रीमती कामायनी जोशी दिल्ली SCERT के साथ अध्यापकों की कार्यशाला लेती है, इन्होंने पीएम विद्या और स्वयं प्रभा चैनल पर लाइव सत्र भी लिए है। शिक्षकों के लिए TEACHING MODULE और विद्यार्थियों के लिए सहायक सामग्री निर्माण भी इन्होंने एससीआरटी के साथ मिलकर किया है. गत वर्षों में अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक में शिक्षकों के लिए अंग्रेजी के नवा चारों पर कार्यशाला में एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। अमेरिका में इस वर्ष के आरंभ में हुए एक्सचेंज प्रोग्राम में भागीदारी के बाद कामायनी के शिक्षण कौशल पर कितना प्रभाव पड़ा है इसे परखने केलिए अमेरिकी अधिकारियों ने कामायनी की कक्षा का गत दिवस अवलोकन किया था। अमेरिकी शिक्षा अधिकारियों ने कामायनी जोशी के प्रयासों को उत्साहवर्धक एवं प्रभावशाली पाया। बता दें कि रानीखेत से श्रीमती कामायनी जोशी का अटूट रिश्ता है। इनके पति श्री मनीष जोशी रानीखेत के ही निवासी हैं और वर्तमान में देश के एक विख्यात औद्योगिक समूह – DCM SHRIRAM LTD में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर हैं। वर्तमान में सौनी गांव में इनका निवास है।
श्रीमती कामायनी जोशी👆