रानीखेत विकास संघर्ष समिति का ऐलान,भूमि-भवन पर मालिकाना हक बगैर कोरी नगर पालिका नामंजूर, होगा आंदोलन

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रानीखेत -रानीखेत विकास संघर्ष समिति की साप्ताहिक बैठक में रानीखेत की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। बैठक में छावनी परिषद के नागरिक क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करने की स्थिति में भूमि- भवन का मालिकाना हक नागरिकों को न मिलने का पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया गया।

रानीखेत विकास संघर्ष समिति की यहां एक होटल में हुई बैठक में रानीखेत की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित किया गया । ज्ञापन की प्रतियां रक्षा मंत्री और क्षेत्रीय सांसद को भी भेजी गई। समिति की ओर से जिलाधिकारी अल्मोड़ा को भी संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से अलग -अलग ज्ञापन बीते दिनों भेजे गए हैं।

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बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी अल्मोड़ा से भेंट कर समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु वार्ता करेगा।बैठक में कहा गया कि हर पखवाड़े प्रधानमंत्री को रानीखेत की समस्याओं को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। कहा गया कि मीडिया के माध्यम से ऐसी खबरें आ रही हैं कि छावनी परिषदों के नागरिक क्षेत्र को नगर पालिका में समाहित करने की दशा में भूमि भवन का मालिकाना हक रक्षा संपदा विभाग के पास रहेगा। ऐसा निर्णय एक स्वायत्त राज्य निकाय और नागरिकों के मूल अधिकारों के खिलाफ है जिसका आंदोलन के माध्यम से‌ पूर्ण विरोध किया जाएगा। बैठक में नागरिकों को भूमि -भवन के मालिकाना हक के साथ नगर पालिका में समाविष्ट करने की प्रबल मांग की गई। कहा कि भूमि भवन संबंधी छावनी के काले कानूनों को लेकर ही नागरिकों में आज़ादी के बाद से छावनियों से मुक्ति की छटपटाहट रही है ऐसे में रक्षा मंत्रालय का छावनी नागरिक आबादी को भूमि भवन पर अधिकार न देकर नगरपालिका में भेजने का निर्णय अव्यवहारिक एवं नागरिक हितों के खिलाफ है।

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