बाल संरक्षण गृह की नाबालिग से दुराचार की घटना उजागर,दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

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हल्द्वानी में नैब संस्था हल्द्वानी के संचालक द्वारा दृष्टि बाधित बच्चियों के यौन शोषण की घटनाओं के खुलासे को अभी छह महीने भी नहीं बीते थे कि हल्द्वानी में बाल संप्रेक्षण गृह की नाबालिग से दुराचार की एक ओर घटना सामने आई है ,संरक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो सहित कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।

दोनों महिला कर्मचारियों पर आरोप है कि वह संरक्षण गृह में रहने वाली एक 15 साल की नाबालिग को बाहर लेकर जाती थी। बताया जा रहा है कि बाहर नाबालिग से दुष्कर्म किया जाता था।मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरूकर दी है।

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बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य रविंद्र रौतेला ने पुलिस को तहरीर दी। उनके मुताबिक संरक्षण गृह की महिला कर्मचारी दीपा और गंगा वहां रह रही एक नाबालिग को दूसरी जगह लेकर गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उस स्थान पर नाबालिग से दुष्कर्म किया जाता था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों के साथ बाल कल्याण समिति के अधिकारी दंग रह गए। बाल कल्याण समिति के लोगों ने नाबालिग से इस मामले में बात कर पूरी जानकारी जुटाई है।

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कोतवाली के रात्रि अधिकारी अंकुर सिंह ने बताया कि तहरीर मिलने पर दोनों महिला कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 228 और 376 सहित 3/4 पॉक्सो व 16/17 पॉक्सो के तहत नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। रात्रि अधिकारी ने बताया कि दोनों महिलाएं संरक्षण गृह की कर्मचारी हैं। मामले की जांच एसआई ज्योति कोरंगा को सौंपी गई है।

वही इस मामले में डी एम वंदना सिंह ने बताया की किशोरी के बयानों को दर्ज कराया गया है और पुलिस बारीकी से मामले की जांच कर रही है।

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हल्द्वानी में एक के बाद एक बच्चों के संरक्षण का दावा करने वाले संगठनों के संरक्षण गृहों में बच्चियों के साथ यौन दुराचार की लगातार घटनाएं सामने आना बेहद शर्मनाक और चिंतनीय है। इस तरह घटनाओं की पुनरावृत्ति ने पुलिस प्रशासन के संरक्षण गृहों में बच्चों की सुरक्षा करने के दावों की भी पोल खोल दी है।