हो गया फैसला, गोदियाल अध्यक्ष,प्रीतम नेता प्रतिपक्ष घोषित

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आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने आज उस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी जिसको लेकर दिल्ली में एक पखवाडे़ से अनिर्णय की स्थिति बनी हुई थी। नेता प्रतिपक्ष के नाम पर विधायकों ने प्रीतम सिंह के पक्ष में एक लाइन का प्रस्ताव पहले ही आलाकमान को सौंप दिया था लेकिन मामला ‘मेराअध्यक्ष-तेरा अध्यक्ष ‘ के खेल में उलझ गया था।ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने गणेश गोदियाल का नाम आगे बढा़या था प्रीतम सिंह गुट ने भुवन कापडी़ का। अब कांग्रेस आलाकमान ने प्रीतम सिहं को नेता प्रतिपक्ष और गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा है। पार्टी महासचिव सी,वेणुगोपाल ने नामों की घोषणा की है।

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आलाकमान ने पंजाब फार्मूला अपनाते हुए अध्यक्ष का मसला भी सुलझा लिया है।प्रीतम सिंह अब नेता प्रतिपक्ष की नई भूमिका में आ गए हैं वहीं गणेश गोदियाल को संगठन को कसने की जिम्मेदारी देते हुए पार्टी की सदारत सौंपी गई है।चुनाव2022को देखते हुए आलाकमान किसी को नाराज कर रिस्क नहीं उठाना चाहता इसलिए चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बतर्ज पंजाब बनाए गए हैं। इसमें भी जातीय,क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा गया है। कार्यकारी अध्यक्ष क्रमशः तिलक राज बेहड़,

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रंजीत रावत,भुवन कापडी़ ,और जीतराम को बनाया गया है।पूर्व सी एम रावत पर आलाकमान ने भरोसा जताते हुए चुनाव लडा़ने की अहम जिम्मेदारी देने का भी फैसला किया है वैसे भी रावत अभी राज्य में कांग्रेस के सबसे कद्दावर और अनुभवी नेता है़ं,उनके मनमाफिक अध्यक्ष बनाकर यूं भी आलाकमान ने उनका मान रखा है। आर्येन्द्र शर्मा को कोषाध्यक्ष,दिनेश अग्रवाल को संयोजक का दायित्व दिया गया है वहीं प्रदीप टम्टा को उपाध्यक्ष बनाया गया है।कुल मिलाकर लम्बी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस को नया अध्यक्ष और विधान सभा सदन को नया नेता प्रतिपक्ष मिल गया है साथ ही दोनों गुट अपने नेताओं को संगठन के भीतर समायोजित करने में सफल रहे हैं।