रक्षा मंत्रालय छावनियों की भूमि राज्य सरकारों को निःशुल्क देने को तैयार, छावनी नागरिक क्षेत्र के नगर पालिकाओं में जाने का रास्ता साफ

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रानीखेत- रक्षा मंत्रालय द्वारा छावनी परिषद एरिया की विभिन्न वर्गीकृत भूमि को राज्य सरकार व निकाय को नि: शुल्क सौंपे जाने की सहमति जताने के बाद छावनी परिषदों के सिविल एरिया के नगर पालिकाओं‌ मे समायोजित किए जाने के रास्ते का कुहांसा और छंट गया है। इस बात रक्षा मंत्रालय द्वारा छावनियों के मुख्य अधिशासी अधिकारियों सहित राज्यों के मुख्य सचिव को लिखा गया है।

छावनी परिषदों के सिविल क्षेत्रों को राज्य नगर निकायों में शामिल करने की रक्षा मंत्रालय के सैद्धांतिक निर्णय के बाद भी दो साल से मामला कर्मचारी समायोजन और विभिन्न प्रकृति की रक्षा भूमि को राज्य सरकार को देने या रक्षा संपदा में रखने को लेकर फंसा हुआ था। कहा जा रहा था कि‌ रक्षा संपदा विभाग छावनी की ओल्ड ग्रांट व बी 4 भूमि अपने पास रखना चाहता है। इतना ही नहीं रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों के मध्य भी भूमि के सशुल्क लेन देन को लेकर भी असमंजस था।

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इधर ,25 जून 2024को हुई उच्च स्तरीय बैठक में बिंदुवार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसमें ओल्ड ग्रांट व बी4 वर्गीकृत भूमि भी राज्य सरकारों को निःशुल्क देने पर सहमति बनी। रक्षा महानिदेशक द्वारा प्रधान निदेशकों को इस आशय का पत्र भी भेजा गया है।

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बता दें कि‌ रानीखेत छावनी परिषद सिविल एरिया को चिलियानौला नगर पालिका में समाहित करने की मांग पर एक वर्ष तक रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया था। ओल्ड ग्रांट व बी 4देने पर सहमति न बनने तक रानीखेत सिविल को 98एकड़ भूमि कम प्राप्त होने का अंदेशा था अब नगर पालिका में समाविष्ट होने वाले रानीखेत सिविल एरिया में 161एकड़ के करीब भूमि शामिल होने की उम्मीद है।

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छावनी परिषद सिविल एरिया की विभिन्न प्रकृति की भूमि नि: शुल्क राज्य सरकारों को देने के निर्णय के बाद‌ नगर पालिका की मांग कर रहे लोगों में उम्मीद का संचार हुआ है। उम्मीद की जा रही है रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में आधिकारिक हस्तांतरण के बाद‌ नगर पालिकाओं में छावनी नागरिक क्षेत्र के शामिल होने का‌ रास्ता साफ‌हो जाएगा।