राजस्थान के स्कूल में मासूम से भेदभाव, पिटाई और मौत के मामले ने यहां भी पकड़ा तूल, आक्रोशित मूल निवासी संघ ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा
रानीखेत:विगत माह राजस्थान के जालोर में सुराणा क्षेत्र के एक विद्यालय में मासूम छात्र के साथ जातीय भेदभाव तथा पिटाई के कारण मौत के मामले में यहां मूल निवासी संघ ने संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर सजा दिलाने की मांग है।
गौरतलब है कि राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा क्षेत्र में पिछले माह २०जुलाई को सरस्वती विद्यालय में कक्षा तीन में पढ़ने वाले छात्र इंद्र कुमार द्वारा प्यास लगने पर सामान्य वर्ग के लिए रखे गए मटके से पानी पी लेने पर शिक्षक छैला राम ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी बाद में १४अगस्त को अस्पताल में मासूम ने दम तोड़ दिया।
इस घटना से आक्रोशित मूल निवासी संघ के सदस्य आज संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और संयुक्त मजिस्ट्रेट जयकिशन के माध्यम से घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की।ज्ञापन में कहा गया है कि एकओर देश आजादी के ७५वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं अनूसूचित समाज के प्रति भेदभाव,अत्याचार ,अनाचार की घटनाएं आज भी कम नहीं हो रही हैं।आज भी मूल निवासियों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं , राजस्थान के सुराणा क्षेत्र की घटना इसका ताजा उदाहरण है। मूल निवासी संघ ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में उक्त घटना के दोषियों को कडी़ सजा दिलाने की मांग की है।मूल निवासी संघ ने बालक इंद्र कुमार की मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रुप से कुलदीप कुमार,दिनेश टम्टा, हरीश आर्य, त्रिलोक आर्या, अनिल टम्टा, आर सी आर्य, चंद्र प्रकाश, जगदीश कुमार, सोनू सिददकी, टीका आर्य, विशाल कुमार, मोहन, नंद किशोर, मनोज कुमार ,श्याम कुमार, रिचा आर्य, उमा टम्टा, एन पी आर्य, राजन कुमार, अशोक कुमार,प्रेम प्रकाश, कैलाश थापा, नंद किशोर, कमल कुमार, नावेद आदि अनूसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग शामिल थे।