‘गोल ज्यू अब तुमै न्याय करिया’, रानीखेत में सेना की बाड़बंदी से परेशान नागरिक अब गोल ज्यू दरबार में लगाएंगे अर्जी

रानीखेत – छावनी रानीखेत के नागरिक आजाद भारत में भी दोयम दर्जे का जीवन जीने को विवश हैं। सैन्य अधिकारियों के मनमाने फैसलों और हठात रवैए के कारण नागरिकों की परेशानियां वर्षों से जस की तस हैं।सेना द्वारा आए दिन सड़क मार्गों की बाड़बंदी किए जाने के खिलाफ अब रानीखेत विकास समिति ने चितई स्थित गोल ज्यू दरबार में गुहार लगाने का निर्णय लिया है।
वाजेह है कि गोल ज्यू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों को प्रशासन, कोर्ट कचहरी या फिर सर्वोच्च न्यायालय से भी न्याय नहीं मिल पाता उनको आखिरकार गोल ज्यू के दरबार में आकर न्याय मिलता है। मन्नतें या फिर न्याय की गुहार लगाने का भी यहां अनोखा तरीका है, लोग लिखित अर्जी टांगकर गोल्ज्यू से मन्नतें या फिर न्याय मांगते हैं। बहुत से लोग तो कोर्ट फीस वाले स्टाम्प पेपर पर लिखकर अपनी बात रखते हैं।
पुजारी इस अर्जी को पढ़कर गोल्ज्यू देवता को सुनाते हैं।इसके बाद इस पत्र को लोग मंदिर परिसर में टांग देते हैं। कई लोग तो डाक से भी अपनी अर्जी यहां भिजवाते हैं।मनोकामना पूरी होने पर लोग यहां घंटी अर्पित करते हैं।मंदिर परिसर चारों ओर से लाखों की संख्या में आवेदन पत्र और घंटियों से भरा पड़ा है. यहां टंगी अर्जियां और घंटियां इस बात की गवाही भी देते है कि गोल्ज्यू देवता न्याय जरूर देते हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के एक सेनापति ने 12वीं शताब्दी में करवाया था।
रानीखेत में भी लम्बे समय से सेना प्रशासन की प्रताड़ना झेल रहे छावनी के नागरिकों ने भी अब न्याय के लिए चितई गोलज्यू देवता के दरबार का रुख करने का निर्णय लिया है।
रानीखेत नागरिक समिति के खजान जोशी एवं अशोक पाण्डे ने बताया कि स्थानीय सेना प्रशासन ने बाड़बंदी करते हुए गोल्फ ग्राउंड नागरिकों और पर्यटकों के लिए कुछ वर्ष पहले ही बंद कर दिया था अब कुछ माह से मालरोड, चौबटिया जाने वाले मोटर मार्ग को भी लगभग बंद कर दिया है जिसकारण रानीखेत मालरोड, चौबटिया के रह वासियों व ग्रामीणों को बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सेना द्वारा किसी न किसी बहाने कोई भी रास्ता बंद कर दिया जाता है।इस बात सेना प्रशासन की अनसुनी के बाद स्थानीय प्रशासन से भी रास्ते खुलवाने का अनुरोध किया गया अब हताश होकर नागरिकों ने न्याय के देवता गोलज्यू के दरबार में गुहार लगाने का निर्णय लिया है।
