यहां बे- मौसम “काफल पाको”, काफल से पेड़ हुआ लकदक,बदलते मौसम चक्र का नतीजा

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रानीखेत: ताड़ीखेत विकासखण्ड अंतर्गत भट्ट स्टेट भवानीखेत ड्योढ़ाखाल में आजकल बेमौसम के काफल फल पेड़ पर देखने को मिल रहे हैं। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान चंद्र शेखर भट्ट ने आज यह जानकारी साझा की।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा चंद्र शेखर भट्ट ने बताया कि उनके घर के निकट काफल का पेड़ पके फल से लदा है,उन्होंने बेमौसम काफल का स्वाद चखा और इसके फोटोज़ शेयर किए। आमतौर पर काफल बैशाख यानी अप्रैल- मई महीने में पकते हैं ,उनके घर के नजदीक ये अकेला पेड़ है जो काफल से लकदक है। ये बेमौसम का फल प्रकृति की अनोखी देन है। मौसम चक्र में आ रहे बदलाव के कारण कुछेक सालों से पहाड़ में बेमौसम काफल पकने, बुरांश खिलने की खबरें सामने आती रहीं हैं।

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किसान चंद्र शेखर भट्ट ने बताया कि उनके यहां उन्नत किस्म का अमरूद, आम भरपूर होता है इसके अलावा आंवला,छोटा नींबू भी अच्छी मात्रा में होता है।लम्बे वक्त से वे बिना उद्यान विभाग के मार्गदर्शन व सहयोग के‌ फल उत्पादन में जुटे हैं। ऐसे और भी क्षेत्र हैं जहां के उत्पादकों पर विभागीय दृष्टि नहीं जाती।विभाग को फल उत्पादकों को प्रोत्साहित करना चाहिए और नई तकनीक से अवगत कराना चाहिए।

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