रानीखेत में कैंट बोर्ड द्वारा बिछाए ह्यूम पाइप बंद होने से सड़क पर दरारें, जोशीमठ घटना जैसी आशंका के चलते नागरिकों ने ह्यूम पाइप्स निकालने की मांग की
रानीखेत: छावनी परिषद द्वारा ब्रिटिश शासन में निर्मित बड़े नालों में वर्षों पहले ह्यूम पाइप्स डालने के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। इन ह्यूम पाइप्स के बंद होने से बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पा रही जिस कारण सड़क पर दरारें आ गई हैं। जोशीमठ जैसी घटना से आशंकित नागरिकों ने छावनी परिषद से ह्यूम पाइप्स निकालकर नालों को पूर्ववत स्वरूप में रखने की मांग की है।
आज रानीखेत विकास संघर्ष समिति के सदस्यों को मालूम हुआ कि सदर बाजार पोस्ट ऑफिस के निकट नाले में ह्यूमपाइप चोक होने के कारण बरसात व नाले का पानी सामान्य रूप से नहीं निकल पा रहा है जिस कारण पोस्ट ऑफिस के सामने रोड पर हल्की दरारें आने लगी है, जिसके चलते भविष्य में जोशीमठ जैसी घटना हो सकती है। इसी क्रम में नागरिक संघर्ष समिति ने मौके का निरीक्षण किया और प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि पूर्व में छावनी परिषद द्वारा बिछाए गए सारे नालों से ह्यूमपाइप्स को हटा कर नालों को पुराना स्वरूप प्रदान किया जाय जिससे पानी की निकासी सामान्य रूप में हो सके।
उक्त निरीक्षण के दौरान जल निगम के पूर्व महाप्रबंधक गिरीश जोशी, रेलवे के सेवा निवृत्त सहायक अभियंता उमेश उपाध्याय, जल संस्थान के सेवा निवृत्ति अभियंता पूरन चंद्र पांडे, कैलाश पांडे, गिरीश भगत, भुवन चंद्र साह, रचना रावत, मुकेश साह, अनिल वर्मा, गिरीश मैनाली, किरण लाला साह, मीडिया प्रभारी सोनू सिद्दीकी उपस्थित रहे।