उत्तराखंड सिविल सर्विस कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईआरएस इत्यादि का देश के चहुमुखी विकास मे अतुल्य योगदान
नई दिल्ली (प्रकृतलोक ब्यूरो)। उत्तराखंड सिविल सर्विस कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईआरएस इत्यादि का देश की विविध महत्वपूर्ण परियोजनाओ तथा प्रशासनिक स्तर पर निष्ठापूर्ण कार्य कर, देश के चहुमुखी विकास मे सदा अतुल्य योगदान दिया जाता रहा है। 3 दिसंबर की सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक इंडिया हैबिटेड सेंटर के ‘मैपल’ सभागार मे उत्तराखंड सिविल सर्विस कैडर के इस ग्रुप द्वारा उत्तराखंड की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था, ‘पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली’ के कलाकारों को कुमांउ, गढ़वाल व जौनसार के लोकगीत-संगीत का प्रस्तुतिकरण करने के लिए आमन्त्रित किया गया था।
आयोजन के इस अवसर पर ‘पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली’ के कलाकारों द्वारा संस्था अध्यक्ष सी एम पपनैं के सानिध्य, मधु बेरिया साह के संगीत निर्देशन तथा महेन्द्र लटवाल, भुवन रावत (कुमांउ), किरन लखेडा (गढ़वाल) व तिलक राम शर्मा तथा चमन सिंह रावत जौनसार बावर के द्वारा उत्तराखंड के विविध विधाओ के सुमार लोकगीतों मे हुणकिया बौल, छपेली, न्योली, होली, सांध्य गीत इत्यादि का कर्णप्रिय संगीत की धुनों मे प्रभावशाली गायन किया गया। मदमस्त करने वाले लोकगीत-संगीत की धुनो मे सिविल सर्विस कैडर अधिकारियों को जम कर नाचने-गाने का अवसर प्रदान हुआ। आदित्य ममगई (2015 बैच) द्वारा इस अवसर पर ठंडो रे ठंडो… पाणी ठंडो…। लोकगीत गाकर कैडर अधिकारियों के मध्य जोश व उमंग की लहर प्रवाहित की गई।
आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कुमांउ, गढ़वाल व जौनसार की बोली-भाषा मे प्रस्तुत श्रीगणेश व महासू वंदना से किया गया। आयोजन प्रमुख व उत्तराखंड की लोकसंस्कृति विधा के गूढ ज्ञाता व साहित्यकार हीरा बल्लभ जोशी (आईआरएस) द्वारा आयोजित आयोजन के मकसद पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया। पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली अध्यक्ष सी एम पपनैं के द्वारा उत्तराखंड की लोकसंस्कृति के उत्थान तथा पत्रकारिता के क्षेत्र मे किए जा रहे प्रभावशाली कार्यो के बावत अवगत कराया गया, साथ ही पर्वतीय कला केन्द्र के विगत 54 वर्षो से निरंतर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर उत्तराखंड की लोकसंस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु किए गए कार्यो की सराहना की गई। उक्त संस्था संस्थापक स्व.मोहन उप्रेती को याद किया गया।
हीरा बल्लभ जोशी (आईआरएस) द्वारा भारतीय रेल की विश्व स्तरीय विकास योजनाओ मे अडानी ग्रुप द्वारा किए जा रहे कार्यो व मिल रही अपार सफलता पर सारगर्भित प्रकाश डाला गया। अवगत कराया गया, विकास परियोजनाओ मे जहा जमींन उपलब्ध नहीं है, जमींन लीज पर ली जा रही है। बुलेट ट्रेन आने वाली है।
बुलेट ट्रेन परियोजना पर अरुण विजलवान द्वारा अवगत कराया गया, उक्त कार्य जापान व भारत के सहयोग से किया जा रहा है। कैबिनैट मीटिंग के बाद योजना पर मुहर लग जायेगी। जापान द्वारा बुलेट ट्रेन योजना पर जो ऋण करार है वह पचास वर्षो मे अदा करना है। अवगत कराया गया बुलेट ट्रेन की रफ्तार तीन सौ बीस किलोमीटर प्रति घंटा होगी। सिविल इंजीनियरिंग का काम जोरों से चल रहा है। बडे-बडे कास्टिंग यार्ड बनाए गए हैं। अवगत कराया गया महाराष्ट्र में उक्त योजना हेतु जगह मिल गई है, हाईकोर्ट से परमिशन मिलनी बांकी है।
अरुण विजलवान द्वारा अवगत कराया गया वर्तमान मे भारतीय रेल व बुलेट ट्रेन परियोजनाओ के प्रमुख अधिकारी उत्तराखंड कैडर के हैं। साथ ही देश की अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओ का कार्य भी उत्तराखंड कैडर के अधिकारियों के द्वारा निष्पादित किए जा रहे हैं। उत्तराखंड कैडर के हाथों में महत्वपूर्ण परियोजनाओ की बागडोर होना ईमानदारी व निष्ठापूर्वक कार्य करने के मायने सामने स्पष्ट करता नजर आता है।
आयोजित आयोजन मे उत्तराखंड सिविल सर्विस कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईआरएस इत्यादि उपस्थित जनो मे सुरेश सिंह पवार, राजकुमार बर्थवाल, आनंद खाती, अरुण विजलवान, अमित नेगी, रतन सिंह, हीरा बल्लभ जोशी, चित्रैश जोशी, मीनाक्षी रावत, भूपेन्द्र कैन्थोला, पल्लवी जोशी, मोहन लाल जोशी, संजय पंत, प्रियंका मिश्रा, श्रुति पांडे, अजय भारद्वाज, आदित्य ममगई, गौतम सुंदरियाल, शशांक भट्ट, रुचि बिष्ट, कुशाग्र मित्तल, स्तुति घिन्डियाल, पायल गुप्ता, मीना नोटियाल, मुकुल, युगल जोशी, शेखर पंत, हरीश सिंह धपोला, डाॅ आशा पंत मुख्य थे।
उत्तराखंड सिविल सर्विस कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईआरएस इत्यादि के ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यक्रम का प्रभावशाली मंच संचालन वरिष्ठ पत्रकार सी एम पपनैं द्वारा बखूबी किया गया।
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