रानीखेत में मटेला मनिहार के ग्रामीण मिले एसडीएम से, कहा गांव सड़क से न जुडा़ तो आंदोलन
रानीखेत :- स्वतंत्रता के सात दशक बाद भी ताड़ीखेत विकासखंड के सुदूरवर्ती गांव मटेला मनिहार के बासिंदे आज भी मोटर मार्ग की सुविधा से महरूम हैं ।जिसकारण आज भी वे किसी के बीमार हो जाने की स्थिति में उसे अस्पताल तक लाने के लिए मीलों पैदल सफर करने को विवश हैं।इस समस्या को लेकर आज उन्होंने उप जिलाधिकारी रानीखेत से मुलाकात कर इस मामले में समुचित कार्रवाई की मांग की।
बता दें कि सड़क के अभाव में ग्रामीणों को आज भी कई किमी पैदल चलना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि 2001 में गांव के लिए सड़क स्वीकृत हुई थी, 2004 में धनराशि भी स्वीकृत हुई थी, लेकिन वन विभाग का मसला आड़े आ गया, जिस कारण सड़क का मामला लटक गया। बताया गया कि भूमि के ऐवज में वन विभाग को पौधारोपण के लिए 150 नाली भूमि देेनी है, जो कि गांव में एक साथ उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों ने यहां उप जिलाधिकारी से मुलाकात कर इस मामले में सार्थक कार्रवाई करने की मांग की है।
मटेला मनिहार के गांव से बीमार और गर्भवती महिलाओं को नजदीकी शहर के अस्पताल तक पहुंचाने में भारी परेशानी होती है। 2001 में सड़क और फिर 2004 में सड़क निर्माण के लिए धन स्वीकृत हो गया, लेकिन तब से मामला ठंडे बस्ते में है।
इसी सिलसिले में ग्रामीण सोमवार को यहां जिला पंचायत सदस्य धन सिंह रावत के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी गौरव पांडे से मिले। ग्रामीणों ने कहा कि 150 नाली गांव में एक साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि या तो अलग अलग स्थान वाली भूमि को स्वीकृत किया जाय, या फिर इस औपचारिकता को खत्म कर स्वीकृत मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाय। ग्रामीणों ने कहा कि यदि सड़क नहीं बनी तो आंदोलन होगा। ज्ञापन सौंपने वालों में क्षेत्र पंचायत सदस्य विपिन चंद्र, हेम चंद्र, लीला राम, केशव राम, जगत सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।