‌ केंद्रीय‌ विद्यालय प्रदर्शनी: विभाजन और विस्थापन की बड़ी और पीड़ादायक घड़ी को चित्र दर्शन के माध्यम से यादकर‌ द्रवित हुए दर्शक

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रानीखेतःआज 14 अगस्त का दिन पूरे भारत में विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया गया वहीं यहां केंद्रीय विद्यालय रानीखेत में 10 अगस्त से चल रही प्रदर्शनी का भी आज अंतिम दिन रहा ।

प्रदर्शनी के अंतिम दिन रानीखेत के निवासियों के साथ-साथ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत के प्राचार्य, प्रोफेसर, विद्यार्थी ,और राजकीय विद्यालय के शिक्षक गणों ने भी प्रदर्शनी में उपस्थित होकर विभाजन और  विस्थापन की उस बड़ी और पीड़ादायक घड़ी को चित्र दर्शन के जरिए याद किया और द्रवित हो उठे। विभाजन और विस्थापन दो ऐसी घटनाएं हैं जो की रेखाएं तो मानचित्र पर खींची जाती है मगर उस रेखा से प्रभावित लोगों के मन मस्तिष्क पर उम्रभर एक भयावह और दर्द भरी स्मृति बन जाती है ।भारत-पाकिस्तान की सीमा रेखा का नाम रेडक्लिफ लाइन है जो ब्रिटिश वकील सर सिविल रेडक्लिफ के द्वारा निर्धारित की गई थी इस रेखा के खिंच जाने के बाद करोड़ों लोग अपने परिजन अपने घर-बार छोड़ने के लिए विवश हो गए थे। गौरतलब है कि प्रदर्शनी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के आदेश अनुसार संचालित की जा रही थी ।इस प्रदर्शनी का ध्येय शताब्दी की सबसे बड़ी विभाजन और विस्थापन घटना के दर्द से आज की पीढ़ी को साक्षात्कार कराना था।

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