राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत में योग दिवस कार्यक्रम में गूंजी वैदिक ऋचाएं, योग की महत्ता पर हुए व्याख्यान

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रानीखेत -राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत में 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे पखवाड़े के अंतर्गत संस्कृत विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ वैदिक ऋचाओं की दिव्य गूंज से हुआ। योगेन चित्तस्य पदेन वाचा … संस्कृत श्लोक की शुद्ध ध्वनि जब सभागार में प्रतिध्वनित हुई तो वह केवल उदघोष मात्र न रहा वह एक आंतरिक जागृति का आह्वान बन गया । ॐ सहनाववतु .. जैसे मंत्रों ने उस संघ भाव को पुष्ट किया जो भारतीय जान परम्परा की आत्मा है जहां साधना केवल वैयक्तिक नहीं सहश्रम का सांस्कृतिक अनुष्ठान बन जाती हैं। तत्पश्चात सभी विद्वत अतिथि गणों का बैज अलंकरण एवं स्मृति चिह्न देकर स्वागत एवं सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोपाल दत्त उप्रेती महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित उद्यान पंडित कृषि भूषण उपस्थित रहे। अपने वक्तव्य में श्री उप्रेती द्वारा वर्तमान समय में योग की महत्ता एवं उपयोगिता को बताया गया।उन्होंने बताया कि किस प्रकार मानसिक तनाव से मुक्ति का योग सरल उपाय है। कार्यक्रम में श्रीमती शांति उप्रेती योगाचार्य कोऑर्डिनेटर नवयुग सूर्योदय सेवा समिति तथा श्रीमती संगीता रावत योगाचार्य कोऑर्डिनेटर नवयुग सूर्योदय सेवा समिति द्वारा योग आसनों का अभ्यास करवाया गया। मुख्य वक्ता के रूप में रोहित पांडे आईआईटी दिल्ली शोध छात्र द्वारा योग पर अपना विस्तृत वक्तव्य प्रस्तुत किया गया । जिसमें उन्होंने अष्टांग योग को सरल भाषा में सबके समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर पी. एन. तिवारी द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया ।प्रोफेसर तिवारी द्वारा अपने वक्तव्य में बताया गया कि यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन भर नहीं है यह उस भारतीय दृष्टि का जीवन आलोक है जिसमें योग केवल मात्र शरीर संचालन की क्रिया नहीं है अपितु यह शरीर से आत्मा की यात्रा है । प्रकृति से ब्रह्म तक की साधना है। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर प्राची जोशी द्वारा सभी अतिथियों एवं आयोजक मंडल के सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन कर शुभकामना संदेश प्रस्तुत किया गया।

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कार्यक्रम में मंच संचालन डॉक्टर बबीता कांडपाल संस्कृत विभाग द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी प्राध्यापकगण शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं द्वारा बढ़-चढ़ कर भाग लिया गया।

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