रानीखेत में दो माह से जारी संगीत कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों ने दी मनमोहक गायन प्रस्तुतियां
रानीखेत: यहां पिछले मई माह के अंतिम सप्ताह से चल रही निःशुल्क शास्त्रीय संगीत कार्यशाला का बुधवार को समापन हो गया।समापन अवसर पर कार्यशाला में प्रशिक्षण पा चुके बच्चों ने मनमोहक गायन प्रस्तुतियां दीं।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विद्यालय रानीखेत के प्रधानाचार्य सुनील कुमार जोशी सहित कैलाश पांडे, रंगकर्मी व वरिष्ठ पत्रकार विमल सती व संगीत शिक्षिका मीनाक्षी उप्रेती ने सामूहिक रुप से मां वागीश्वरी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुनील कुमार जोशी ने संगीत को एक दीर्घकालिक साधना बताते हुए कहा कि ये चंद घंटे या दिन में सीखने की कला नहीं है अपितु वर्षों के रियाज़ और गुरू शिक्षा से इसमें पारंगत हुआ था सकता है। उन्होंने कहा कि संगीत ही ऐसा रसायन है जिससे हम अपने मन मस्तिष्क और हृदय को सुकून देकर तनावमुक्त रह सकते हैं। उन्होंने कार्यशाला की प्रशिक्षिका मीनाक्षी उप्रेती की कार्यशाला आयोजित कर संगीत के प्रति बच्चों में रूचि जगाने के लिए प्रशंसा की साथ ही कहा कि सीखने- सिखाने का यह क्रम टूटना नहीं चाहिए।
रंगकर्मी एवं पत्रकार विमल सती ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृति कला संगीत के प्रति उनका गहरा लगाव रहा है।इस कार्यशाला के प्रशिक्षण पाए बच्चों की प्रस्तुति से वे अभिभूत हैं।इसतरह की गतिविधियों के प्रति उनका सहयोग आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि दृश्य संचार माध्यमों की घर-घर पहुंच के बाद संगीत के क्षेत्र का भविष्य और उज्ज्वल हुआ है।
वरिष्ठ नागरिक कैलाश पांडे ने कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और नि: शुल्क कार्यशाला आयोजित कर नगर के बच्चों को इसका लाभ देने के लिए संगीत शिक्षिका मीनाक्षी की प्रशंसा की। स्प्रिंग फील्ड पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या प्रीति सिन्हा ने बच्चों की प्रतिभा को सराहते हुए कहा कि संगीत में गुरू का दर्जा सर्वोच्च है। उन्होंने बच्चों से कहा कि आपको मीनाक्षी उप्रेती जैसी संगीत मर्मज्ञ गुरू मिली हैं हमेशा इनके चरण पकड़ कर सीखते रहना।
बता दें कि राजकीय आदर्श बालिका इंटर कॉलेज रानीखेत की संगीत शिक्षिका मीनाक्षी उप्रेती की तरफ से सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को संगीत के विभिन्न राग और तालों की जानकारी दी गई जिसे उन्होंने समापन अवसर पर अपने गायन से बखूबी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में शिक्षिका मीनाक्षी उप्रेती ने रागों की महत्ता बताते हुए उनका फिल्मी संगीत भजन, गजल, होली, लोक गायन में प्रयोग की जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला की सफ़लता के लिए सभी अभिभावकों का आभार व्यक्त किया। कार्य शाला में 30 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग कर संगीत की बारिकियों को सीखा। कार्यक्रम का संचालन सरिता ने किया।समापन कार्यक्रम में चौखुटिया से आए संगीत अनुरागी शिक्षक कैलाश चंद्र पांडे,संगीत छात्रा हर्षिता मेहरा , जीजीआईसी चौखुटिया में संगीत शिक्षिका चंद्र कला भट्ट ने भी मंच प्रस्तुतियों में सहयोग किया। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन समिति के दीप भगत, श्री मती गंगा पांडे, संजय लुंठी, आदि अनेक लोग मौजूद रहे।