यूसीसी में विवाह व वसीयत पंजीकरण, संपत्ति उत्तराधिकार के जटिल प्राविधानों का कड़ा विरोध करते हुए रानीखेत अधिवक्ता संघ ने सीएम को भेजा ज्ञापन

रानीखेत -यूनिफॉर्म सिविल कोड(यूसीसी) में विवाह व वसीयत पंजीकरण तथा संपत्ति उत्तराधिकार नियमों के जटिलऑनलाइन प्रावधानों पर आपत्ति और सरकार की प्रस्तावित पेपरलेस रजिस्ट्री व्यवस्था के विरोध में अधिवक्ता संघ रानीखेत ने सोमवार को संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे ज्ञापन में अधिवक्ता संघ ने कहा है यूसीसी में विवाह और वसीयत पंजीकरण को शामिल कर पुराने विधिक प्रावधानों के बरक्स इसे जटिल नियमों में जकड़ा गया है जिसपर अधिवक्ता संघ को आपत्ति है साथ ही यूसीसी में उत्तराधिकार नियमों में किए गए परिवर्तन पर भी अधिवक्ता संघ विरोध दर्ज करता है। कहा है कि विवाह और वसीयत पंजीकरण के लिए पूर्व से ही रजिस्ट्री अधिनियम में प्राविधान मौजूद हैं ।सुलभ और आसान विधिक प्रावधानों के स्थान पर विवाह और वसीयत पंजीकरण के लिए यूसीसी में नए अनावश्यक और जटिल प्राविधान किए जाने से आम जनता को अनावश्यक परेशानी और कष्ट का सामना करना पड़ेगा और इस प्रक्रिया के लागू होने से अधिवक्ताओं के साथ ही न्यायालय परिसरों में बैठे दस्तावेजी लेखकों की आजीविका भी प्रभावित होगी।
मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में अधिवक्ता संघ ने सरकार की पेपरलेस रजिस्ट्री का भी कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि सरकार का यह तर्क़ गलत व तथ्यहीन है कि दस्तावेजों का भौतिक स्वरूप खत्म करने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी , प्रस्तावित डिजिटल पेपरलेस प्रक्रिया तकनीकी दृष्टिकोण से भी ग़लत है।
इस योजना को अमल में लाने से तकनीकी समस्याओं के कारण धोखाधड़ी और गड़बड़ियों की संभावना बढ़ सकती है।इतना ही नहीं इसके लागू होने से अधिवक्ताओं और दस्तावेजी लेखकों की आजीविका प्रभावित होना तय है।
ज्ञापन में मुख्यमंत्री से यूसीसी से विवाह और वसीयत के पंजीकरण के प्राविधानों सहित संपत्ति उत्तराधिकार के नियम को यूसीसी के प्राविधानों से हटाने की मांग की गई है साथ ही प्रस्तावित रजिस्ट्री व्यवस्था को हटाने और पूर्व से चल रही संपत्ति की रजिस्ट्री व्यवस्था को लागू रखने का अनुरोध किया गया है।

