रानीखेत विकास समिति ने संयुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर नागरिक क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की ओर दिलाया ध्यान, निस्तारण की उठाई मांग
रानीखेत -रानीखेत विकास समिति ने रानीखेत को नगर पालिका का दर्जा देने और रानीखेत छावनी के नागरिक क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर आज संयुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा और कृत कार्रवाई से अवगत कराने का अनुरोध किया।
ज्ञापन में कहा गया कि रानीखेत का लोअर मालरोड बाइपास पिछले 44 वर्षों से अपनी पूर्णता की प्रतीक्षा में है जिसकी प्रगति पर संबंधित विभाग से स्पष्टीकरण लेने की जरूरत है। नगर में आवारा व पालतू पशुओं की निरंकुश आवा-जाही को देखते हुए छावनी परिषद में पूर्व की भांति काजी हाउस (खोड़)का पुनर्संचालन किया जाए। छावनी परिषद द्वारा पूर्व में सराय संचालन की तर्ज पर बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरे का निर्माण किया जाए। रानीखेत मालरोड चौबटिया मार्गं को सेना द्वारा आएदिन नरसिंह स्टेडियम के पास बंद कर दिया जाता है जिससे सैलानियों और आम नागरिकों को परेशानियां पेश किया आती हैं इस संबंध में सेनाधिकारियों से प्रशासन वार्ता करें। रानीखेत नागरिक चिकित्सालय में आयुष विंग की स्थापना की जाए।
रानीखेत विकास समिति ने संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम भी एक ज्ञापन भेजा जिसमें कहा गया कि रानीखेत विकास समिति रानीखेत छावनी के नागरिक क्षेत्र को नगर पालिका में विलय करने की मांग पर 639 दिन से धरना प्रदर्शन करती आ रही है। भारत सरकार पूर्व में ही देश की छावनी परिषदों को नगर पालिकाओं में विलय की सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है बावजूद अभी तक इस मामले में गतिशील कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है। अहा गया कि छावनी परिषदों में रहते नागरिक अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हैं उन्हें भूमि भवन का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पा रहा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री से रानीखेत छावनी परिषद की नागरिक आबादी को चिलियानौला नगरपालिका में समाहित करने का अनुरोध किया गया।