रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर बतायी लोक सभा चुनाव बहिष्कार की वज़ह
रानीखेत – रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेज कर छावनी परिषद अंतर्गत निवास कर रहे नागरिकों की दुश्वारियां दूर न होने तक लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 सहित सभी चुनावों के बहिष्कार के फैसले पर अडिग रहने का ऐलान किया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि रानीखेत वासियों द्वारा पिछले एक वर्ष से छावनी परिषद रानीखेत को रानीखेत-चिलियानौला नगरपालिका में समायोजित करने हेतु रानीखेत विकास समिति के बैनर तले क्रमबद्ध धरना प्रदर्शन किया जा रहा था, जिसके तहत विकास समिति द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव 2024 सहित सभी प्रकार के चुनावों का बहिष्कार का निर्णय लिया गया था। कहा गया कि सरकार की उपेक्षा के चलते समिति लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के बहिष्कार पर अडिग है।
पत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त का ध्यान रानीखेत की समस्याओं की ओर दिलाते कहा गया है कि रानीखेत गोल्फ़ कोर्स को सेना द्वारा विगत कुछ वर्षों से पर्यटकों व आम नागरिकों के लिए बंद करने के कारण रानीखेत के पर्यटन व व्यापार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। हालांकि अब इसे अल्प समय के लिए खोला गया है। आशियाना पार्क भी जीर्ण-शीर्ण है। डीएम के डीपीआर भेजने के आग्रह के बावजूद छावनी परिषद ने इसकी डीपीआर नहीं भेजी। रमणीक कृत्रिम झील के लिए मोटर मार्ग दयनीय स्थिति में है। छावनी परिषद द्वारा भवन कर के बराबर पेयजल कर वसूलने से नागरिक त्रस्त हैं।
पत्र में रानीखेत में ग्रीष्मोत्सव -शरदोत्सव के आयोजन ठप होने, एनसीसी मैदान खेल मंत्रालय को लीज पर हस्तांतरित न किए जाने जैसी समस्याओं का भी जिक्र है। कहा गया है कि उपर्युक्त समस्याओं का निदान न होने से पर्यटन नगरी का विकास ठप है और यहां के निवासी स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। नागरिकों का यही आक्रोश आगामी लोकसभा चुनाव बहिष्कार का कारण है।