श्री पंचेश्वर महादेव मंदिर में आनंदमय वातावरण में श्रीकृष्ण को लगा छप्पन भोग, जानिए‌ क्यों लगता है कान्हा को छप्पन भोग

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रानीखेत -श्री पंचेश्वर महादेव मंदिर रानीखेत में आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में महिला सत्संग समिति एवं स्थानीय धर्मपरायण श्रद्धालुओं के सहयोग से छप्पन भोग का आयोजन किया गया।

मान्यता है कि छप्पन भोग से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस दौरान महिला सत्संग भवन में भजन कीर्तन से आनंदमय एवं आध्यात्मिक वातावरण बना रहा। यहां यह‌ जानना जरूरी है कि श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाने की शुरुआत हुई कैसे?


एक पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण अपने बचपन में मां यशोदा के साथ रहा करते थे तब उनकी मां उन्हें दिन में 8 बार भोजन करवाया करती थीं और आठों बार अपने ही हाथों से उन्हें भोजन कराती थीं ताकि कृष्ण को पेट भरकर खाना खिलाया जा सके. एक बार बृजवासी इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए एक बड़ा आयोजन करा रहे थे. कृष्ण ने नंद बाबा से पूछा कि ये आयोजन किस लिए हो रहा है तो उन्होंने बताया कि यह आयोजन स्वर्ग के भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए किया जा रहा है. इससे वो अच्छी बारिश करेंगे और अच्छी फसल होगी. तब कृष्ण ने कहा जब बारिश करवाना इंद्रदेव का काम है तो उनकी पूजा क्यों करना. अगर पूजा करनी है तो गोवर्धन पर्वत की करो क्योंकि इससे फल-सब्जियां प्राप्त होती हैं और पशुओं को चारा मिलता है. तब सभी को कृष्ण की बात उचित और तार्किक लगी. सभी ने इंद्र की पूजा ना कर के गोवर्धन की पूजा की. इंद्रदेव को लगा कि ये उनका घोर अपमान है. वे क्रोधित हो गए और क्रोध में आकर भयंकर बारिश कर दी, हर तरफ पानी ही पानी नजर आने लगा. जब पानी बढ़ने लगा तो कृष्ण ने कहा कि गोवर्धन की शरण में चलिए, वही हमको इंद्र के प्रकोप से बचाएंगे. कृष्णजी ने कनिष्ठा उंगली पूरे गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और पूरे ब्रज की रक्षा की. अगले सात दिनों तक भगवान कृष्ण ने बिना कुछ खाए पिए गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा. जब 8वें दिन बारिश बंद हुई और सब लोग गोवर्धन की शरण से बाहर आए. इसके बाद सब ने सोचा कि कृष्ण ने उनकी लगातार 7 दिनों तक भाषा से वर्षा से रक्षा की और कुछ खाया पिया भी नहीं. तब माता यशोदा समेत ब्रजवासियों ने कन्हैया के लिए हर दिन के आठ पहर के हिसाब से सात दिनों को मिलाकर कुल 56 प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए थे. इस प्रकार भगवान कृष्ण को छप्पन भोग का भोग लगाया जाता है।

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इधर छप्पन भोग कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री शिव मंदिर समिति रानीखेत ने नगर के सभी सहयोगियों का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया है।

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