..तो क्या छावनी परिषदों से नागरिक क्षेत्र को अलग करने की प्रक्रिया गतिमान है? रक्षा मंत्रालय ने कैंट ईओ से कल तक भूमि विवरण,मानचित्र व बुनियादी ढांचे की जानकारी भेजने को कहा
रानीखेतः ..तो क्या छावनी परिषदों के नागरिक क्षेत्रों को छावनी से अलग कर नगर पालिका बनाए जाने की प्रक्रिया गतिमान है। रक्षा मंत्रालय से छावनी परिषदों तक जिस तरह कागज दौड़ रहे हैं उससे तो यही संकेत मिल रहे हैं।आज उत्तराखंड की नौ छावनी परिषदों के मुख्य अधिशासी अधिकारियों को रक्षा मंत्रालय मध्यकमान के प्रधान निदेशक द्वारा कल 26 अप्रैल 2 बजे तक हर हाल में नागरिक क्षेत्र के बुनियादी ढांचे,भूमि विवरण और मान चित्र भेजने को कहा गया है।
आज उत्तराखंड की रानीखेत, अल्मोड़ा,नैनीताल, चकराता,देहरादून, रूडकी,लैंसडाउन, क्लेमनटाउन,लंडौर के मुख्य अधिशासीअधिकारियों को भेजी मेल में कहा गया है कि आपको डीजी के उपरोक्त ईमेल दिनांक 25-4 के साथ संलग्न एमओडी नोट दिनांक 22-4-2022 में वांछित विषय वस्तु पर छावनी नागरिक क्षेत्रों के मानचित्रों के साथ अपनी छावनी के बुनियादी ढांचे की स्थापना और भूमि विवरण का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। इस संबंध में, एक प्रारूप सी 116 इसके साथ संलग्न है, आपको 26 अप्रैल को 2 बजे तक बिना किसी असफलता के एक्सेल शीट में अपेक्षित जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। इसके अलावा आपको विषय वस्तु पर एक डेटायुक्त प्रस्तुति तैयार करने की आवश्यकता है क्योंकि सीईओ को सक्षम प्राधिकारी के समक्ष एक प्रस्तुति देने के लिए कहा जा सकता है।
छावनी क्षेत्रों के नागरिक क्षेत्र को लेकर जिसतरह की दस्तावेजी कवायद ऊपर से नीचे तक रक्षा मंत्रालय में चल रही है उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि छावनियों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक करने के प्रयास गतिमान हैं।