प्रदेश महिला मोर्चा सह मीडिया प्रभारी विमला रावत ने रानीखेत के प्राचीन मंदिरों को ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन’ में शामिल करने की सीएम से की मांग
रानीखेतः भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महिला मोर्चा सह मीडिया प्रभारी विमला रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर रानीखेत क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल करने का अनुरोध किया है।
महिला मोर्चा सहमीडिया प्रभारी विमला रावत ने मुख्यमंत्री धामी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित धार्मिक आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, किसानों की बेहतरी, महिला सशक्तिकरण, तीव्र कनेक्टिविटी आदि के लिए आठ बड़ी योजनाओं की सराहना करते कहा है कि ये योजनाएं हिमालयी राज्य के चहुंमुखी विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
श्रीमती विमला रावत ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि जो आपने चारधाम परियोजना की भांति कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों के संरक्षण व उन्हें भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना का खाका खींचा है वह कुमाऊं में धामिक पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगा। श्रीमती रावत नेपत्र में कहा है कि कत्यूरकाल से ही सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, ब्रितानी हुकूमत की मनोरम निर्मिति रानीखेत तथा इस विधानसभा क्षेत्र में तमाम पौराणिक व ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं जो ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना” में शामिल किए जा सकते हैं।
योजना के तहत इन प्राचीन मंदिरों व ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षण कर उन्हें सुविधा संपन्न बनाए जाने से रानीखेत क्षेेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही पर्यटन गतिविधियां बढऩे से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।आय के स्रोत बढ़ेंगे। पयायन को थामने में मदद मिलेगी। टूरिज्म से जुड़े लोगों को लाभ होगा। पर्यटन मानचित्र पर ऐतिहासिक रानीखेत को नई पहचान भी मिल सकेगी। महिला मोर्चा सहमीडिया प्रभारी विमला रावत ने रानीखेत क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना” में शामिल करने का निवेदन किया है जिससे इन ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को भव्य बनाकर बुनियादी सुविधाओं से लैस कर धार्मिक पर्यटकों को इन स्थलों तक खींचा जा सके।
ये हैं रानीखेत के प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर
- रानीखेत से कुछ दूर चौबटिया रोड पर मां झूला देवी मंदिर
- तहसील मुख्यालय से करीब 30 किमी के दायरे में ताड़ीखेत ब्लॉक स्थित गुप्त काशी। जो केदारखंड (गढ़वाल) स्थित गुप्त काशी सरीखी मान्यता रखती है। लोककथाओं व देवाधिदेव शिव तथा पांडवों से जुड़े प्रसंगों से भी परिपूर्ण है।
रानीखेत से लगभग 25 किमी दूर चमड़खान स्थित चंद शासनकाल का (15वीं सदी) न्याय एवं लोकदेवता गोलू (ग्वलदेवता) का मंदिर, जहां गोल्ज्यू के चरणों के पूजन का विशेष महत्व है।
रानीखेत से करीब 20 किमी दूर तिपौला घाटी में कत्यूरी राजवंश की महारानी जियारानी का प्राचीन मंदिर, जहां चित्रशिला (काठगोदाम) जाते वक्त वह अपनी सेना के साथ इसी पैदल मार्ग पर रात्रि विश्राम को ठहरी थीं।- सौनी बिनसर महादेव का दिव्य मंदिर, जहां देश विदेश के श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं।