रानीखेत की अदिति,जो कैनवास पर तूलिका से उकेरती है जीवन
चित्रकला के आकाश में उड़ान भरने के लिए आतुर 20 वर्षीय अदिति रस्तोगी ने पिछले दो वर्षों में विभिन्न कला – प्रदर्शनियों में अपनी पेंटिंगों के जरिए कला-प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और उनकी भरपूर सराहना भी अर्जित की है ।
6 अगस्त, 2000 को रानीखेत में जन्मी अदिति ने अपनी स्कूली स्कूली शिक्षा वहीं के स्प्रिंग फील्ड पब्लिक स्कूल और आर्मी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की । 2017 में आर्मी पब्लिक स्कूल, रानीखेत से 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात उसने बॉम्बे आर्ट का कोर्स पूरा किया ।
अदिति का परिवार मूल रूप से बरेली का रहने वाला है ।उसके पिता सुनीत रस्तोगी व्यवसायी हैं और वे लगभग 29 वर्ष पूर्व अपने काम के सिलसिले में जब रानीखेत आए तो फिर वहीं रहने लगे । अदिति इन दिनों अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ रानीखेत में ही रहती है । उसके दादा डॉ. रमेश रस्तोगी बरेली के एक जाने-माने ज्योतिषी और होम्योपैथ डॉक्टर रहे हैं । पेंटिंग और लेखन में भी उनकी रुचि थी । 23 जुलाई, 2020 को उनका निधन हो चुका है ।
चित्रकला से अदिति को बचपन से ही बेहद अनुराग रहा है । हालाँकि उसने अपने स्कूली जीवन से ही पेंटिंग और स्केच बनाने शुरू कर दिए थे लेकिन विगत दो वर्षों से उसने गम्भीरतापूर्वक इस ओर अपना ध्यान एकाग्र किया है और विशेष सक्रियता प्रदर्शित की है ।
अदिति अब तक लगभग 200 पेंटिंगें और स्केच बना चुकी है । उसके द्वारा बनाई गई पेंटिंगें और उसके स्केच भारत ही नहीं, विदेश – यूएस और कनाडा – में भी बिक चुके हैं । उसके दादा जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘ Thumb : The Symbol Of Personality ‘ के कनाडा से प्रकाशित द्वितीय संस्करण में भी उसके स्केच शामिल हैं ।
वह दिल्ली और देहरादून की चित्र-प्रदर्शनियों में प्रत्यक्ष रूप से तथा मुम्बई व इटली की प्रदर्शनियों में अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी कर चुकी है। अभी 2 अक्टूबर को फीनिक्स यूनाइटेड मॉल द्वारा बरेली में आयोजित एक दिवसीय कला-प्रदर्शनी आर्ट एली – 2020 में बरेली के जिन 10 कलाकारों को कैनवास पर लाइव पेंटिंग करने के लिए आमंत्रित किया गया था , उनमें अदिति भी शामिल थी ।
रानीखेत के शान्त माहौल को बेहद पसन्द करने वाली अदिति फिलहाल मुम्बई के जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट से कला-स्नातक की शिक्षा ग्रहण करना चाहती है ।….. हाल ही में 8 अक्टूबर को जब मैं अपने रानीखेत – भ्रमण के दौरान उसकी कलाकृतियाँ देखने श्रीधर गंज स्थित उसके निवास – स्थान पर पहुँचा तो वह 17 अक्टूबर , 2020को मुम्बई में होने वाली कला-स्नातक की प्रवेश-परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई थी । अदिति द्वारा अब तक निर्मित चित्रों को देखकर सहज ही यह अनुमान हो जाता है कि रानीखेत की धरती में पले – बढ़े नाथूराम उप्रेती , अब्दुल मलिक और भैरव दत्त जोशी – जैसे उत्कृष्ट चित्रकारों की परम्परा की अगली कड़ी के रूप में वह अवश्य ही भविष्य में कला की नई ऊँचाइयों को छुएगी ।