मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत रानीखेत पीजी कॉलेज की डॉ बरखा रौतेला का शोध प्रस्ताव मंजूर, जानिए क्यों है इस शोध की महत्ता
रानीखेत– मनुष्य के लिए किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए शोध का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक वातावरण बनाने और नव अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24में उत्तराखंड मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत की अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ बरखा रौतेला के शोध कार्य प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
डॉ बरखा अपने शोध के माध्यम से उत्तराखंड में मानव एवं जानवरों के बीच खंडित सह-अस्तित्व की समस्याओं को रेखांकित करेगी। ध्यातव्य है कि हालिया वर्षों में जानवरों और मनुष्य के मध्य परस्पर संघर्ष की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।इस सामयिक समस्या पर शोध के बाद जानवरों क्रमशः बाघ, सूअर, बंदर, व कुत्तों आदि से मनुष्य की जान को होने वाले खतरे से बचाव संबंधित ठोस नीतियां बनने की संभावना बलवती होगी ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत की अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉक्टर बरखा रौतेला अपने द्वि-वर्षीय शोधकार्य के अंतर्गत सुप्रसिद्ध लेखक रस्कीन बॉन्ड एवं प्रकृतिवादी जिम कॉबेट की कथाओं के माध्यम से समकालीन उत्तराखंड में मानव एवं जानवरों के बीच खंडित सह-अस्तित्व की समस्याओं को रेखांकित करेगी। शोध की सफलता मानव जीवन पर जानवरों से होने वाले खतरों से बचाव के लिए लाभकारी साबित होगी। इस शोध प्रस्ताव की मंजूरी महाविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।
ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड सरकार की मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना अंतर्गत विशिष्ट समस्या के समाधान और क्रियात्मक शोध विषयों पर शोध करने वाले लाभार्थियों को वरीयता दी जाती है। शोधकर्ताओं को शोध करने के लिए आर्थिक अनुदान और प्रति माह का मानदेय प्रदान किया जा रहा है।5 लाख रुपए से अधिक के शोध प्रस्तावों के लिए सरकार द्वारा शोधकर्ताओं का चयन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाता है।