रानीखेत परिवहन डिपो के विलय के विरोध में कांग्रेस का धरना प्रदर्शन,कहा फैसला वापस नहीं लिया तो जनता के साथ मिलकर तेज करेंगे विरोध प्रदर्शन
रानीखेत: रानीखेत परिवहन निगम के डिपो का भवाली डिपो में विलय किए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक करन माहरा के नेतृत्व में लामबंद होकर यहां संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना -प्रदर्शन किया और संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया जिसमें इस जनविरोधी फैसले को वापस लेने की मांग सरकार से की गई।
पूर्व विधायक करन माहरा की अगुवाई में आज रानीखेत डिपो को भवाली डिपो में विलय करने के सरकारी आदेश के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर एकत्र होकर धरना -प्रदर्शन किया।इस दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी भेजा गया जिसमें कहा गया कि रानीखेत नगर जो कि ब्रिटिश काल से ही पर्यटन, स्वास्थ, शिक्षा, सेना, कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में हमेशा ही पूरे पर्वतीय क्षेत्रों का नेतृत्व करते रहा है। पिछले लम्बे समय से सरकारों की बदनीयती का शिकार रहा है।पिछले वर्षों में कई सरकारी संस्थानों का अन्यत्र स्थानान्तरण कर रानीखेत के साथ हमेशा ही खिलवाड़ किया जाते रहा है।
इसी क्रम में रानीखेत परिवहन निगम डिपो का विलय भवाली में किए जाने का शासनादेश जारी होना रानीखेत के साथ अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार है।
ज्ञापन में कहा गया कि रानीखेत कुमाँऊ रेजिमेंन्ट का मुख्यालय है जहां समय-समय पर भर्ती काल में रोडवेज डिपो की सहायता लेनी होती है। डिपो हटने से भर्ती के समय रानीखेत में भर्ती के लिए आने-जाने वाले युवकों के आगे आवागमन की समस्या रहेगी।
इतना ही नहीं रानीखेत डिपो गैरसैंण व बागेश्वर के दूरस्थ क्षेत्रों तक अपनी सेवाएं देता है, गैरसैंण व बागेश्वर से लोग स्वास्थ लाभ के लिए रानीखेत आते हैं उनके लिए भी डिपो के हटने से एक नई समस्या बन जायेगी।
रानीखेत डिपो सन् 1960 से अपनी सेवाएं पूरे पर्वतीय अंचल में देता आया है यह रानीखेत के अस्तित्व से भी जुड़ है जिसका विलय क्षेत्र के आम लोगों के साथ सरकारी खिलवाड़ ही कहा जाएगा।रानीखेत डिपो हटने से जहां पर्यटन नगरी रानीखेत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा वहीं पर्यटकों को भी कईं समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
इतना ही नहीं डिपो के हटने से संविदा कर्मियों के आर्थिक जीवन पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा।
ज्ञापन में कहा गया है रानीखेत का डिपो अपनी स्वयं की भूमि से संचालित है व पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ताड़ीखेत में कार्यशाला के लिए जमीन आवंटित कर उसके भवन हेतु टोकन मनी भी दी गई थी। जबकि जिन डिपो में रानीखेत का डिपो विलय किया जा रहा है उनके पास अपनी स्वयं की भूमि या कार्यशालाएं उपलब्ध नहीं हैं।
अतः रानीखेत पर्यटन नगरी के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाय अन्यथा समस्त रानीखेतवासी डिपो के विलय के विरोध में विरोध प्रदर्शन को बाध्य होगें।
कार्यक्रम पूर्व विधायक करन माहरा के नेतृत्व में हुआ। कार्यक्रम में ताड़ीखेत के क्षेत्र प्रमुख हीरा रावत, पूर्व प्रमुख रचना रावत , जिलाध्यक्ष महेश आर्या , ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल देव , पी०सी०सी० सदस्य कैलाश पांडेय, नगर अध्यक्ष उमेश भट्ट , कार्यकारी अध्यक्ष पंकज जोशी , क्षेत्र पंचायत सदस्य अमित पांडेय , व्यापार मंडल महासचिव संदीप गोयल , उपाध्यक्ष दीपक पंत , चिलियानौला व्यापार मंडल अध्यक्ष कमलेश बोरा , उपसचिव विनीत चौरसिया , मातृ शक्ति, युवा शक्ति, उपस्थित रहे।