रानीखेत डिपो के विलय का शासनादेश 10 अप्रैल तक निरस्त नहीं हुआ तो करेंगे उग्र आंदोलन:करगेती

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रानीखेतःरानीखेत विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी रह चुके सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने प्रदेश के परिवहन मंत्री चंदन राम दास को ज्ञापन भेजकर परिवहन निगम के रानीखेत डिपो को समाप्त किए जाने का पुरजोर विरोध करते कहा है कि 10 अप्रैल तक यदि डिपो के विलय का फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

ज्ञापन में रानीखेत के बावत जानकारी देते हुए कहा गया है कि रानीखेत एक सुन्दर और पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखंड में उच्च स्थान रखता है। रानीखेत को जिला बनाने की मांग भी समय समय पर इसके सौंदर्य के कारण और जनहित में उठती रही है ।
वर्तमान में रानीखेत की जनता ने विश्वास दिखाते हुए रानीखेत से विधायक भी सत्तापक्ष से ही चुनकर भेजा है लेकिन आज यह कहते हुए निराशा हो रही है कि जनता को इसका इनाम रानीखेत डिपो कार्यशाला का भवाली डिपो कार्यशाला में विलय करके दिया गया है।
दीपक करगेती ने ज्ञापन में कहा कि जनता को उम्मीदें थीं कि रानीखेत डिपो को आपके द्वारा और अधिक सशक्त किया जाएगा, रोडवेज स्टेशन को वहीं पर भव्य बनाया जायेगा,मल्टी स्टोरी पार्किंग स्थापित की जायेगी
जिससे पर्यटन नगरी को और यहां के निवासियों को इसका लाभ मिलता लेकिन आपके द्वारा विलय करने का यह निर्णय अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार की पहाड़ विरोधी नीति को भी प्रदर्शित करता है।
आपसे उम्मीद थी कि ऐसे फैसले जनता के मध्य जाकर ही करेंगे लेकिन यह निर्णय रानीखेत को शून्य मानकर लिया गया है।
ज्ञापन में दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय को वापस लेने की बात कही गई है ।
यदि 10 अप्रैल 2022 तक सरकार निर्णय नहीं बदलती है तो जनता के साथ मिलकर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दीपक करगेती द्वारा दी गई।
ज्ञापन में प्रदेश मंत्री प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल मनोज कुमार अग्रवाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष रानीखेत मनीष चौधरी, व्यापार मंडल उपाध्यक्ष दीपक पंत, उत्तराखंड क्रांति दल से शिवराज सिंह, कैंट बोर्ड से पूर्संव उपाध्य्क्ष संजय पंत, पत्रकार नवीन भट्ट, राजेंद्र बिष्ट,दुकानदार मनपसंद हेमू, हेम चंद्र जोशी, रमेश उपाध्याय, संदीप, प्रकशआदि लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।

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