राज्यपाल ने आज सुशासन दिवस के अवसर पर इन पांच जिलाधिकारियों को किया ‘उत्कृष्ट जिलाधिकारी पुरस्कार २०२२ ‘ से सम्मानित
देहरादून: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस सुशासन दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में उत्कृष्ट जिलाधिकारी पुरस्कार-2022 से पांच जिलाधिकारियों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले जिलाधिकारी में हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डे़, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान, रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना शामिल है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन की अर्द्धवार्षिक पत्रिका ‘देवभूमि संवाद’ का विमोचन भी किया। इस पत्रिका में राज्यपाल के विभिन्न कार्यक्रमों एवं उनके भाषणों का संकलन है। देवभूमि संवाद का संपादन उपनिदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय एवं सहसंपादन संजू प्रसाद ध्यानी ने किया है।
सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने सम्मानित होने वाले अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सुशासन में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी है। जिस पर इन अधिकारियों ने अपना बेहतर योगदान दिया है। जनता की समस्याओं को सजग होकर एवं ईमानदारी के साथ दूर करने में आप सभी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे भी इसी प्रकार कार्य करने का आह्वान जिलाधिकारियों से किया।
राज्यपाल ने कहा कि सुशासन का उद्देश्य समावेशी और संर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जो एक महान नेता, एक असाधारण व्यक्तित्व होने के साथ-साथ सुशासन की प्रतिमूर्ति माने जाते थे उनका हमेशा यही मानना था कि समग्र प्रयासों से सुशासन प्राप्त किया जा सकता है।
सुशासन हमारे नागरिकों के सशक्तीकरण हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है, इसके माध्यम से ही हम अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचा सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप शासन प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता के बीच प्रत्यक्ष, भावनात्मक जुड़ाव की आवश्यकता है। जनता की समस्याओं को मेहनती व सजग अधिकारियों और उनकी टीम के संयुक्त प्रयासों से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे कई सक्षम अधिकारी उपलब्ध हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में कई चुनौतियां हैं लेकिन सामूहिक प्रयासों से कई चुनौतियां का सामना करते हुए हम निश्चित ही विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाने का सशक्त माध्यम है, इसका अधिक से अधिक उपयोग किया जाए
इन अधिकारियों को मिला सम्मान
विनय शंकर पाण्डेय –
मौजूदा समय में हरिद्वार के डीएम हैं। कांवड़ मेले का सुचारू प्रबंधन करने और घाटों की सफाई के लिए चलाए गए अभियान के लिए पुरस्कार दिया गया। इसके लिए हरिद्वार को गंगा टाउन में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भी मिल चुका है।
धीरज गर्ब्याल –
मौजूदा समय में नैनीताल के डीएम हैं और पर्यटन नगरी नैनीताल को कुमाऊंनी शैली की स्थापत्य कला के अनुसार पुर्नस्थापित करने और सेब उत्पादन को लेकर किए गए प्रयास एवं पर्यटन के क्षेत्र में रोजगारपरक योजनाओं को जिले में लागू करने के लिए मिला पुरस्कार।
डॉ आशीष चौहान –
वर्तमान में पौड़ी के डीएम हैं। डा. आशीष चौहान के पूर्व में पिथौरागढ़ में तैनात रहते हुए बेडू के उत्पादों के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ किए गए अभिनव प्रयास खासे सराहे गए। पीएम मोदी ने इसका जिक्र अपने मन की बात में भी किया था।
मयूर दीक्षित –
उत्तरकाशी के डीएम पद पर रहते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने, सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए एवं वर्तमान में भव्य केदारपुरी के पुनर्निर्माण को सही गति से संचालित करने के लिए पुरस्कार मिला। इसके साथ ही इस बार की सफल केदारनाथ यात्रा के प्रबंधन के लिए भी सम्मानित किया गया।
हिमांशु खुराना
चमोली डीएम के रूप में बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा का सुचारू प्रबंधन करने और बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान समय से पहले तैयार करने के लिए पुरस्कार से सम्मानित।