संजीवनी नर्सरी पर मेहरबान बागवानी मिशन निदेशक ने अब आवंटन आदेश किए रद् , पर्वतीय क़ृषि बागवानी और उद्यमी संगठन ने मिशन निदेशक की भूमिका की जांच की मांग उठाई

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रानीखेत -पर्वतीय कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन द्वारा सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर उद्यान मंत्री द्वारा संजीवनी नर्सरी पर केस दर्ज करने का आदेश न मानकर बागवानी मिशन निदेशक द्वारा इसी संस्था को फल पौधों का आवंटन करने का मामला उठाने के तुरंत बाद  मिशन निदेशक ने आनन-फानन में अपना आदेश रद् कर दिया।

  सचिव पर्वतीय क़ृषि बागवानी और उद्यमी संगठन के सचिव दीपक करगेती ने बताया कि संगठन  द्वारा इस सांठ-गांठ को मीडिया के सामने उजागर करने के बाद बागवानी मिशन निदेशक ने आवंटन के आदेश रद्द कर दिये। उन्होंने कहा कि आदेश करने वालों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। 

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 वाजेह है कि उद्यान मंत्री गणेश जोशी द्वारा संजीवनी नर्सरी पर प्राथमिकी दर्ज करने और नर्सरी को निलंबित करने के आदेश के बाद भी मिशन निदेशक महेंद्र पाल द्वारा बागवानी मिशन योजनांतर्गत 2024-25 में जनवरी में फिर संजीवनी नर्सरी को ही शीतकालीन फल पौधों का आवंटन कर दिया।जिसके बाद पर्वतीय कृषक कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन द्वारा प्रेस वार्ता संजीवनी नर्सरी पर मेहरबान मिशन निदेशक महेंद्र पाल की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए प्रेस वार्ता की और समस्त प्रकरण को जनता के समक्ष रखा ।

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सचिव पर्वतीय कृषक कृषि बागवानी उद्यमी संगठन दीपक करगेती ने बताया कि प्रेस के बाद आनन-फानन  में मिशन निदेशक द्वारा नर्सरी के सभी आवंटन रद्द कर दिए लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे संदिग्ध भूमिका ही मिशन निदेशक की है । करगेती ने कहा कि मिशन निदेशक अपने आप को उद्यान मंत्री से भी बड़ा मानते हैं और किसानों की भावनाओं का अपमान करते हुए पुनः संजीवनी नर्सरी को फल पौध आवंटन करना यह दर्शाता है कि नर्सरी स्वामी और निदेशक के बीच बहुत बड़ी साठगांठ है। करगेती ने सबसे पहले मिशन निदेशक को पद से हटाते हुए उनके इस कृत्य की जांच की मांग की है।