IAYP के अन्तर्गत दो दिवसीय अभियान / परियोजना पर गए जी डी बिरला मैमोरियल स्कूल के छात्र व छात्राएँ

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रानीखेत– आज जी॰डी॰ बिरला मैमोरियल स्कूल के विद्यार्थी अपना दो दिवसीय IAYP (युवा लोगों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार) अभियान पूरा कर विद्यालय वापस पहुँचे। विगत कई वर्षों से विद्यार्थियों को IAYP के तहत इस प्रकार रोमांचक अभियान पर ले जाया जाता है।
इस बार छात्रों के साथ-साथ छात्राओं को भी यह अवसर मिला।

कुल 37 छात्र व 10 छात्राएँ इस रोमांचक अभियान परियोजना का हिस्सा रहे।बतौर IAYP coordinator (समन्वयक) छात्रों के साथ श्री मिथिलेश मिश्रा व राजू कुमार तथा छात्राओं के साथ डाॅ॰ ऊषा टोलिया व कुमारी तत्समा द्विवेदी इस अभियान का हिस्सा रहे।

विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाचार्य मोहम्मद आसिम अली ने बताया कि IAYP के तहत विद्यालय में आत्मविश्वासी, जिम्मेदार, चिंतनशील विद्यार्थियों को विकसित करने और युवाओं के लिए कौशल विकसित करने, शारीरिक रूप से सक्रिय होने, अपने स्थानीय समुदाय को सेवा देने और रोमांच का अनुभव करने के अवसर प्रदान किए जाते हैं।

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उन्होंने जानकारी दी कि यह पुरस्कार कार्यक्रम 1962 में भारत में युवाओं को भारतीय समाज के ढांचे के भीतर अपनी पूर्ण विकास क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने, उनके नैतिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण में सुधार करने, ‘उन्हें जीवन के लिए तैयार करने’ के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

IAYP एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग इंटरनेशनल अवार्ड एसोसिएशन का पूर्ण सदस्य है।

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IAYP के पुरस्कार में तीन स्तर और चार खंड शामिल हैं:

● कांस्य – 14 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए
● चांदी – 15 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए
● सोना – 16 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए।
प्रतिभागी अपना पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्रत्येक स्तर पर सभी चार अनुभागों को पूरा करते हैं। स्वर्ण स्तर पर, प्रतिभागी एक आवासीय परियोजना भी पूरी करते हैं।

जी॰डी॰ बिरला मैमोरियल स्कूल के युवा शिक्षार्थी इस वर्ष “आवाखत्ता व पांडव खोली” इसी आवासीय परियोजना को पूरा करने पहुँचे थे।

यह परियोजना दो दिन व दो रात की अवधि में पूरी की गई। इसके अन्तर्गत सभी छात्र-छात्राओं ने अपने समन्वयकों की देखरेख में Rock climbing, zip line, exercise व कई प्रकार के खेल व शारीरिक अभ्यास किए।

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यह अवधि सभी ने तंबू गाड़ कर व्यतीत की ।

सभी विद्यार्थियों ने इस अभियान व परियोजना का भरपूर आनंद व लाभ लिया। यह एक बेहतरीन अवसर था सभी विद्यार्थियों के लिए अपनी नियमित दिनचर्या से हटकर जीवन की कठोर वास्तविकता से दो-चार होने का।

उन्हें काफी कुछ देखने, जानने व सीखने को मिला।

ये अनुभव उन्हें जीवन की हकीकत व कर्कश क्षणों में धैर्य व साहस प्रदान करेगा।