जयदत्त वैला राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत में “डिजिटल बिज़नेस ऑपरेशन एंड सस्टेनेबिलिटी” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ सफल समापन
रानीखेत -स्व श्री जयदत्त वैला राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत के वाणिज्य विभाग द्वारा आई सी एस एस आर द्वारा प्रायोजित “डिजिटल बिज़नेस ऑपरेशन एंड सस्टेनेबिलिटी” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शनिवार को सफलतापूर्वक समापन हो गया।
संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ प्राचार्य व विषय विशेषज्ञों ने दीप प्रज्वलित कर किया।अपने सम्बोधन में प्राचार्य पुष्पेश पांडे ने संगोष्ठी के सफल संचालन के लिए शुभकामनाएं दीं।डिजिटल बिज़नेस ऑपरेशन एंड सस्टेनेबिलिटी” पर आयोजित इस सेमिनार के दूसरे दिन टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी से आये रिसोर्स पर्सन डॉ सैय्यद जाकिर हुसैन, डॉ बाबर अली खान, एवं डॉ फैजान खान शेरवानी ने की।
डिजिटल बिज़नेस ऑपरेशन एंड सस्टेनेबिलिटी पर अनेक प्राध्यापकों एवं शोधकर्ताओं ने अपना शोधपत्र ऑफ लाइन व ऑनलाइन प्रस्तुत किया।
टेक्निकल सेशन का संचालन अंग्रेजी विभाग की डॉ बरखा रौतेला, वाणिज्य विभाग के डॉ राहुल चंद्रा, शोधछात्र लोकेश एवं दीक्षा ने किया।
टेक्निकल सेशन में डॉ ज़ाकिर हुसैन ने अपने व्याख्यान में व्यक्ति और प्रक्रिया के सम्बंध पर जोर देते हुए उसकी अनिवार्यता पर अपने विचार रखे। डॉ फैजान खान शेरवानी पिच डेक, फिनटेक, ग्रीन फाइनेंस, क्लाउड फाइनेंस के विषय में अपना व्याख्यान दिया।
डिजिटल बिजनेस ऑपरेशन और सस्टेनेबिलिटी विषय पर अपने व्याख्यान में डॉ बाबर अली खान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साकारात्मक व नकारात्मक पक्षों पर सभी का ध्यान आकर्षित किया, सस्टेनेबिलिटी पर अपने वक्त्व में उन्होनें बताया कि हमें सस्टेनेबिलिटी को बाहर से नहीं बल्कि अपने देश से ही सीखना है क्योंकि सस्टेनेबिलिटी भारत मे बहुत प्राचीन प्रक्रिया है।
संगोष्ठी में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, शोधछात्रों, प्राध्यापकों, एवं बाहर से आये अन्य प्राध्यापकों व शोधछात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विषय विशेषज्ञों के द्वारा दिये गए व्याख्यान से लाभान्वित हुए।
संगोष्ठी के समापन सामरोह में संयोजक डॉ बुशरा मतीन ने सबका धन्यवाद व आभार प्रकट किया।
अंत मे प्राचार्य ने सबका आभार प्रकट करते हुए संगोष्ठी के समापन की घोषणा की।
संगोष्ठी में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, शोधछात्रों, प्राध्यापकों, एवं बाहर से आये अन्य प्राध्यापकों व शोधछात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विषय विशेषज्ञों के द्वारा दिये गए व्याख्यान से लाभान्वित हुए।
दो दिवसीय संगोष्ठी में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, कर्मचारियों व शोधछात्रों ने सहयोग किया।