उत्तराखंड व हिमाचल के सोलह‌ जन संगठनों के‌ प्रतिनिधियों की दो दिवसीय कार्यशाला, घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को क़ानूनी संरक्षण का लाभ दिलाने पर‌ बल

ख़बर शेयर करें -

प्रतिभागियों के साथ उत्तराखंड महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति शाह

ख़बर शेयर करें -

रानीखेत: उत्तराखंड महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह ने कहा है कि महिलाओं को क़ानून के अधीन प्राप्त संरक्षण का लाभ उठाकर अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना चाहिए तथा घरेलू हिंसा के कारण पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला संगठनों को आगे आना चाहिए। श्रीमती ज्योति साह मिश्रा यहां लोक चेतना मंच द्वारा आयोजित हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड की सोलह‌ जन संगठनों की महिला प्रतिनिधियों की दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रही थीं।

इस अवसर पर‌ श्रीमती ज्योति साह मिश्रा ने बताया कि महिलाएं जानकारी के अभाव में क़ानूनी प्रावधानों के तहत प्राप्त संरक्षण का लाभ नहीं उठा पातीं हैं जिस कारण उन्हें जीवन भर‌ अन्याय , उत्पीड़न और शोषण का शिकार होना पड़ता है। घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं हताशा में आत्महत्या जैसा कदम भी उठा रही हैं। उन्होंने बताया कि महिला आयोग इन मुद्दों पर सजगता से कार्य कर रहा है। जिसकारण महिलाएं अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं और पुलिस की सहायता भी लेने लगीं हैं। उन्होंने इस दिशा में लोक चेतना मंच की सराहना करते हुए कहा किइससे आयोग के प्रयासों को और अधिक बल‌ मिलेगा। उन्होंने मौजूद प्रतिनिधियों को‌ भरोसा दिया कि महिलाओं के मुद्दों पर आयोग‌ उन्हें ‌‌‌हमेशा मदद करेगा।

यह भी पढ़ें 👉  लोक सभा चुनाव में उत्तराखंड में सात नामांकन पत्र खारिज, किस सीट पर कितने नामांकन पत्र वैध , जानिए

इस कार्यशाला में केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य मीता उपाध्याय ने बताया कि महिलाओं के समानता के क़ानूनी अधिकार मात्र से समाज में महिलाओं के उत्पीड़न को‌ समाप्त नहीं किया जा सकता है।इसके लिए महिलाओं को स्वयं अज्ञानता वश महिलाओं के उत्पीड़न में भागीदार बनने से बचना होगा। साथ ही जागरूकता एवं ग्रामीण अंचल में महिला संगठनों को सशक्त बनाना होगा।यदि महिलाएं आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय हो जाएं तो भी वे अनेक सामाजिक चुनौतियों से छुटकारा पा सकती हैं।

यह भी पढ़ें 👉  लोक सभा चुनाव में उत्तराखंड में सात नामांकन पत्र खारिज, किस सीट पर कितने नामांकन पत्र वैध , जानिए

कार्यक्रम में लोक चेतना मंच के जोगेन्द्र बिष्ट ने हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के 16जनसंगठनों के माध्यम से सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने की‌ रणनीति पर‌ चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस दिशा में संस्था की ओर से काफ़ी प्रयास किए जा रहे हैं तथा लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के‌ लिए रणनीति तैयार की गई है।इसी क्रम में घरेलू हिंसा एक महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आया है जिसमें क़ानून प्रावधान तो बने हैं लेकिन उनका लाभ पीड़ितों तक‌ नहीं पहुंच पा रहा है।इसी उद्देश्य से जनसंगठनों के प्रतिनिधियों की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई है।

यह भी पढ़ें 👉  लोक सभा चुनाव में उत्तराखंड में सात नामांकन पत्र खारिज, किस सीट पर कितने नामांकन पत्र वैध , जानिए

इस मौके पर लोक चेतना मंच की कार्यक्रम निदेशक मालती हालदर, कार्यक्रम एसोसिएट आयूशी , कैलाश बिष्ट सहित हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के सोलह जन संगठनों के 32 प्रतिनिधि मौजूद रहे।

महिला प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हुए केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य मीता उपाध्याय