…जब 1969 के चुनाव में हाॅट सीट बनी रानीखेत,जोरदार था मुकाबला
1969 में रानीखेत विधान सभा क्षेत्र में हुई चुनावी जंग ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था। हालांकि तब इलैक्ट्रानिक मीडिया की ऐसी व्यापकता नहीं थी मगर प्रिंट,रेडियो मीडिया ने इस चुनाव में काफी रूचि दिखाई।बीबीसी के मार्क टुली सहित अनेक राष्ट्रीय मीडिया के पत्रकार चुनावी कवरेज के लिए रानीखेत में जमे रहे।कारण, मुकाबला था उप्र के मुख्यमंत्री तथा कांग्रेसी हैवीवेट चंद्र भानु गुप्त और भारतीय क्रांतिदल के गोविंद सिंह माहरा के बीच। तब चुनावी फिज़ा में क्षेत्रवाद की हवा पुरजोशी से घुली यानी चुनावी जंग ने लिया लखनऊ बनाम पहाड़ का रंग।क्षेत्र के दमदार नेता गोविंद सिंह माहरा के पक्ष में इलाकाबंद हुए लोगों ने प्रचार के नित नए निकाले।पर्चा पोस्टर युद्ध चला तो कवि ह्रदय समर्थक भी भला कहां पीछे रहने वाले थे।ऐसे ही एक समर्थक लाल सिंह नेगी ने कविताई अपील पर्चा रुप में छपवाकर वितरित कराई।1969 चुनाव में बँटे पर्चे में छपी वह कविता आपकी नजर कर रहा हूं।
*करि दिया खयाल*
ईश्वर भगवान तुम है जाया दयाल,
गरीबों लिजिया तुम करि दिया खयाल।
पहाड़ गरीबी देखी,उठूनू कलम,
सब जाग तेरी माया,जलम-थलम।
धस-धन भगवान करि दिए बिचार
हमरो पहाड़ मजि कर अत्याचार ।
गुप्ताजी लै हमु कणि करि दे हैरान,
हाइ राम ,हाइ शिव,हाइ भगवान।
कति बटि आछा रामा,हमारा पहाड़
छन आंखा हमु कणि खिति गयी गाड़।
आबा गुप्ताजी कीभाई झन गाडा़ राड़,
सारी दुनी तैका लिजी मारी दिछ डाड़।
आठ रूपै मज दिछ ,हामु गुडै़ भेली
तब गुप्ता लिजी भाई हरा गैछ चेली।
गुप्ता जी क हाय राम ब्या लग नी हय
सन1969 मज सिद नसी गय।
देश बटि भाजी आए बणी गया शेर
हमरो पहाड़ मजि तैल कर धेर।