एबीवीपी नेत्री ने विधायक करन माहरा के आगे रखी महिलाओं की ऐसी समस्या जिससे महाविद्यालय प्रशासन चुरा रहा है आंखें
रानीखेत:-लंबे समय तक शौचालयों के नियमित प्रयोग के लिए उनकी साफ-सफाई और देखभाल भी उतना ही महत्वपूर्ण पक्ष है, जितना कि उनका निर्माण। सरकारी संस्थानों और प्रशासन दोनों को समझना होगा कि महिलाओं के लिए शौचालय निर्माण सिर्फ स्वच्छता का मसला भर नहीं है इससे उनके निजी और सार्वजनिक दोनों जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है। महिला स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए महिला शौचालयों की सफाई बेहद जरुरी है लेकिन ये विडम्बना ही है कि रानीखेत राजकीय पी जी काॅलेज में विधायक निधि से निर्माणित महिला शौचालयों की हालत बेहद खराब है।
महिला शौचालयों की बदहाली के विषय में बार -बार बताने के बाद भी जब महाविद्यालय प्रशासन ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो मामला क्षेत्रीय विधायक ,उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा तक पहुंच गया और इस शिकायत को लेकर पहुंची अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अंकिता पडलिया।
गौरतलब बात है कि देश में शौचालय निर्माण को अभी भी सिर्फ स्वच्छता अभियान से जोड़कर ही देखा जाता है न कि स्वास्थ्य की बुनियादी जरूरत से, जबकि असल में शौचालयों की जरूरत और अहमियत, सिर्फ साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं है।खासतौर से महिलाओं के लिए शौचालय उनके स्वास्थ्य को भी सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं इसलिए महिला शौचालयों का बेहतर हालत में होना नितांत जरुरी है। छात्राओं की इस पीडा़ को अंकिता ने स्वयं भी महसूस किया और पहुंच गई विधायक महोदय के पास।
एबीवीपी नेत्री अंकिता ने विधायक माहरा को बताया कि 2018/19 में महिला शौचालय निर्माण के लिए विधायक निधि से ₹ 2लाख अवमुक्त किए गए थे लेकिन आज आज तारीख तक भी महाविद्यालय प्रशासन की अनदेखी के कारण यह शौचालय छात्राओं के उपयोग करने लायक नहीं हैं पर दुर्भाग्यवश छात्राओं को मजबूरन इसी शौचालय का उपयोग करना पड़ रहा है।एबीवीपी नेत्री ने विधायक से शौचालय को बेहतर करने के लिए महाविद्यालय प्रशासन को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
कभी-कभी कोई समस्या हमें बहुत छोटी लगती है न्यूज मैटर न मान कर हमें उसे हाशिए में डाल देते हैं लेकिन ये छोटी समस्याओं का समाधान अगर लम्बित रहे तो इस पीडा़ को झेलने की विवशता ही पीडि़तों को जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक नुमाइंदों के दरवाजे तक ले जाती है।