भिकियासैंण में बोलेरो वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, दो महिलाओं की मौत
भिकियासैंण तहसील के पटवारी क्षेत्र बाटूला के जैनल दल्मोड़ी-बघाड़ मोटर मार्ग पर खौ ढैय्या नामक स्थान पर एक बोलेरो वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी।जिसमें सवार बघाड़ निवासी दो महिलाओं की मौत हो गई है। जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हैं। चालक कुंवर सिंह को सीएचसी भिकियासैंण में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया।
आज 23 जून शुक्रवार सुबह सवा आठ बजे तहसील भिकियासैंण के दल्मोड़ी-बघाड़ सड़क के खौ ढैय्या पर बोलेरो पिकअप यूके 04 सीए 4761अनियत्रिंत होकर 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। ग्रामीणों ने तत्काल रेस्क्यू कर खाई से बाहर निकाल कर तीन लोगों को सड़क तक पहुंचाया। उसके बाद 108 की मदद से सीएचसी लाया गया।
यहां चिकित्सकों ने यशोदा देवी उम्र 65 पत्नी कुंदन सिंह, मोहनी देवी उम्र 40 वर्षीय पत्नी कृपाल सिंह को मृत घोषित कर दिया। जबकि चालक कुंवर सिंह उम्र 28 पुत्र लाल सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया है। मृतक और घायल बघाण गांव के रहने वाले हैं.वाहन में सवार चौथे व्यक्ति जोगा सिंह उम्र 45 वर्ष ने गाड़ी के गिरते ही छ्लांग लगा दी जो सुरक्षित है। सूचना मिलने पर विधायक प्रमोद नैनवाल,एसडीएम गौरव पांडे, तहसीलदार निशा रानी, थानाध्यक्ष एमएम जोशी, चौकी प्रभारी जगत सिंह, कानूनगो हरिकिशन ने अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
इधर क्षेत्रीय लोग स्वास्थ्य केंद्र की लुंज पुंज व्यवस्था से खासे आक्रोशित हो गए। मोहनी देवी पत्नी श्री कृपाल सिंह उम्र 40 वर्ष ग्राम बघाड़ की मृत्यु उ0प्रा0 स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण में हुई परिजनों का आरोप है कि, मोहनी देबी ग्राम बघाड़ को बचाया जा सकता था परन्तु उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उनकी मृत्यु हुई ।परिजनों का कहना है कि दो घंटे तक डाक्टरों ने उन्हें देखा तक नही गम्भीर रूप से घायल श्री कुंवर सिंह पुत्र श्री लाल सिंह ग्राम बघाड़ उम्र 26 वर्ष को हायर सैन्टर के लिए रिफर कर दिया गया है। क्षेत्रीय जनता ने आरोप लगाया कि, अस्पताल में घायलों को आक्सीजन देने जैसी प्राथमिक उपचार तक कोई सुविधा नहीं थी अस्पताल में 14 पद विशेषज्ञ डाक्टरों के सृजित है वहीं अस्पताल के संचालन उप्रेती से पूछने पर उन्होंने बताया कि, वर्तमान में यहां पर 5 विशेषज्ञ डाक्टरों समेत कुल 10 डाक्टर तैनात हैं जबकि जनता का कहना है कि वर्तमान में यहां पर एक भी विशेषज्ञ डाक्टर तैनात नहीं है जो डाक्टर यहां पर काम कर रहे हैं वे संविदा पर रखे गए हैं अस्पताल में जनता का भारी विरोध देखने को मिला जिसकारण अतिरिक्त पुलिस बुलानी पड़ी।
लोगों का कहना है जब से अस्पताल को पीपीपी मोड में दिया गया है तब से इसकी हालत बद से बद्तर हो गई है क्षेत्रीय जनता ने उस समय अस्पताल को पीपीपी मोड में देने का विरोध किया था लेकिन सरकार ने जनता के विरोध को अनदेखा कर दिया। अस्पताल में घायलों का हाल जानने किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड आनन्द नेगी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रयाग शर्मा उक्रांद नेता तुला सिंह तड़ियाल दान सिंह बिष्ट डॉ किसन सिंह रावत दिनेश घुघत्याल सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।